दुस्साहसी अपराधी
दुस्साहसी अपराधी


04 Mar 2021 |  282



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी 



 उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में छेड़छाड़ का मुकदमा वापस न लेने पर लड़की के पिता की हत्या और अलीगढ़ जिले में अनुसूचित जाति की किशोरी की हत्या की घटी घटनाएं बहुत चिंतनीय है।कानून व्यवस्था सख्त हो और समाज की सोच में भी परिवर्तन होना बहुत जरूरी है। हाथरस में छेड़छाड़ की पुलिस रिपोर्ट की वजह से पहले से ही गुस्साये काले नाग की तरह फन फैलाए बैठे एक युवक ने अपने साथियों के साथ एक व्यक्ति की हत्या कर देता है।अलीगढ़ में अनुसूचित जाति की एक किशोरी के साथ बलात्कार की कोशिश में हत्या।ये घटनाएं एक बार फिर कह रही है कि अपराधियों मे डर नही रह गया है और इनका मनोबल बहुत बढ़ गया है।हाथरस में जिस व्यक्ति की हत्या हुई है वो लगभग ढाई वर्ष पहले अपनी बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ पर एक युवक के ऊपर एफआईआर दर्ज करवाई थी और आरोपी कुछ दिन तक जेल मे रहा।इस समय आरोपी जमानत पर था। इन दोनों परिवारों के बीच अचानक वाद विवाद होने पर आरोपी ने अपने साथियों के साथ खेत में जाकर लड़की के पिता को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया और अधिकारियों से सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है।अपराध के बाद पुलिस का सख्त रवैया समझ में आता है,परन्तु विडंबना ये है कि इसके बाद भी प्रदेश में आपराधिक घटनाएं घटित होती रहती है और इनसे लगता है कि अपराध करने करने वालों में कानून का भय नही है। अलीगढ़ में अनुसूचित जाति की एक किशोरी की हत्या से संबंधित पूरी हकीकत तो आखिर पुलिस की जांच पड़ताल के बाद ही सामने आ पायेगी लेकिन समाज के कमजोर तबकों का लगातार निशाना बनना प्रदेश की कोई अच्छी छवि सामने नही पेश करता है। हाथरस में इससे पहले अनुसूचित जाति की एक किशोरी का सामूहिक दुष्कर्म के बाद मृत्यु बहुत चर्चा मे रही।अलीगढ़ में किशोरी की हत्या से गुस्साएं गांव के लोगों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोक दिया और पुलिस पर पथराव किया।विडंबना ये भी है कि समय बदलने के बाद भी समाज और उसकी सोच नही बदलती।जिस कारण इस तरह की घटनाएं लगातार घटती रहती है और कोई ऐसी घटनाओं पर आवाज नही उठती है।इसमे कोई संदेह नही कि कानून व्यवस्था की सख्ती से ही इस तरह अपराधों पर रोकथाम लगाया जा सके,परंतु जब तक महिलाओं के प्रति समाज की सोच में परिवर्तन नही आयेगा तब तक ऐसी घटनाओं पर शायद ही रोक लग सके।उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना ही होगा।


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