ब्यूरो देवी शरण मिश्रा
प्रतापगढ़।नेता सभी चुनाव में विकास के बड़े-बड़े वादे सीना ठोकर कर करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नेता गायब हो जाते है और सीना ठोककर किए गये वादे हवा हवाई हो जाते हैं। चुनावी वादों को जुमला करार दे दिया जाता है।सड़क पर बने गहरे गड्ढों से लोग परेशान हो चुके है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश में इस सड़क से गुजरना मुश्किल भरा रहता है।उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है।इस बार कुछ बड़के नेता आयेंगे और किसी बड़के वादे का झुनझुना जनता को बजाने के लिए देकर चले जायेंगें।
देश और प्रदेश की इस हकीकत को बयां कर रहा है बिहार ब्लॉक की ग्राम सभा भीखापुर कानीडीह और खेमकरनपुर ग्राम सभा को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाला रास्ता।यह रास्ता करीब 1500 मीटर लम्बा है।इस पर सालों पहले खड़ंजे का निर्माण हुआ था तब से लेकर आज तक न ही इसकी मरम्मत हुई न ही खड़ंजा से रोड।ग्रामीणों का कहना है कि इसके बारे में स्थानीय विधायक विनोद सरोज, सांसद विनोद सोनकर को अवगत कराया गया लेकिन खुद को विकास की प्रतिमूर्ति बताने वाले सांसद और विधायक के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
क्योंकि इनको पता है कि एक झूठे वादे पर जनता फिर इनको ताज पहना देगी।
क्षेत्र में हुए विकास कार्यों को ये सड़क मुंह चिढ़ा रही है।
पर नेता को यह नहीं पता कि चुनाव नज़दीक हैं।जनता सूत समेत हिसाब किताब भी बराबर कर सकती है।