यूपी के अनपरा और हरदुआगंज में कोयले का संकट,पारीक्षा में एक इकाई हुई ठप
यूपी के अनपरा और हरदुआगंज में कोयले का संकट,पारीछा में एक इकाई हुई ठप


15 Oct 2021 |  238



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी 



 झांसी/सोनभद्र/अलीगढ़।उत्तर प्रदेश के अनपरा परियोजना में कोयले की किल्लत सारी सीमाओं को पार करते हुए चरम पर पहुंच गयी है।यहां ए और बी परियोजना में एक दिन का भी कोयला नही बचा हुआ है,तो वहीं डी परियोजना में भी सिर्फ दो दिन का कोयला बचा हुआ है।बैराहाल रेलवे रैक से कोयला पहुंचने से डी परियोजना को थोड़ी संजीवनी बूटी मिली है।



कोल खदान के मुंह पर अनपरा परियोजना में कोयले का संकट कुए के पास रहकर प्यास बुझा पाने को भरपूर चरितार्थ कर रहा है।हालत ये है कि 630 मेगावाट की अनपरा ए का स्टॉक जहां सिमटते हुए 9603.58 मीट्रिक टन पहुुंच गया है,तो वही 1000 मेगावाट की बी परियोजना में भी कोयले का स्टॉक 14022.18 मीट्रिक टन रह गया है। इतना कोयला दोनों परियोजनाओं के लिए एक दिन के संचालन के लिए भी ना के बराबर है।



अनपरा डी परियोजना में 35047.82 मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक है।कोयले के इतने स्टाॅक से सिर्फ निगम की नवीनतम परियोजना से दो दिन तक विद्युत उत्पादन हो सकता है।प्रदेश सरकार का त्योहार के सीजन में रात्रि में किसी भी हालत में बिजली कटौती न करने के आदेश से पीक आवर में शाम छह बजे से रात 11 बजे तक इकाइयों को पूरे लोड पर चलाए जाने के कारम प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ी हैं।गुरूवार की सुबह परियोजना में कुल कोयले का स्टॉक 58673.58 मीट्रिक टन रहा।



बिजली घरों में कोयले के संकट को देखते हुए सभी बिजली घरों को रैक से कोयले की आपूर्ति करने को लेकर रेलवे पर भारी दबाव है।इस कारण बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति का निर्धारण करने वाले सभी ग्रुप की बैठक में कोल खदानों से 30 किमी की दूरी पर स्थित विद्युत परियोजनाओं को सड़क मार्ग से कोयला परिवहन की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया गया हैं और परियोजना प्रबंधन भी इस दिशा में प्रस्ताव बनाने की तैयारी में जुटा है।



पारीछा थर्मल पावर प्लांट को गुरूवार को दो मालगाड़ी कोयला यानी आठ हजार टन और मिल गया।इससे बिगड़ रहे हालत संभल गए है।कोयला न मिलने के कारण एक इकाई को बंद करने के हालत बन सकते थे।अभी प्लांट के चार इकाइयों में तीन इकाइयों से उत्पादन हो रहा है।ठीक इसी तरह ललितपुर बजाज पावर प्लांट में तीन इकाइयों में दो इकाइयों से उत्पादन हो रहा है।बजाज पावर प्लांट की एक इकाई में आई तकनीकी खराबी ककारण मंगलवार से बंद है।मौजूदा समय में दोनों प्लांट 2030 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे है।



हरदुआगंज तापीय परियोजना कासिमपुर में कोयले ने अपनी चिंता का पूरा ताप बढ़ा कर रखा हुआ है।स्थिति की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाये जा सकते है कि यहां कोयले का स्टाॅक सिर्फ एक दिन का रहता है,अगर मालगाड़ी दूसरे दिन कोयला लेकर न पहुंचे तो पावर हाउस की यूनिटें बंद करनी पड़ जाती हैं। यही नही मौजूदा समय में यहां चल रही 250-250 मेगावाट की दो यूनिटों में ही पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इन यूनिटों को ही रोज 9000 टन कोयले की जरूरत है और कोयले की आपूर्ति केवल 3800 टन की ही मिल रही है।


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