रामनगरी दीपोत्सव की तरह दूर-दूर तक है चर्चा,दीपावली पर यहां लगता है गधों का मेला
राम नगरी दीपोत्सव की तरह दूर-दूर तक है चर्चा,दीपावली पर यहां लगता है गधों का मेला


03 Nov 2021 |  202



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी

अयोध्या।मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।पूरे विश्व में राम नगरी अयोध्या में दीपोत्सव में जलाए जाने वाले 9.50 लाख दीपों की चर्चा है। इसी तरह राम नगरी अयोध्या दीपोत्सव की तरह एक खास आयोजन का दीपावली के अवसर पर इंतजार किया जाता है।

आपको बता दें कि दीपावली के मौके पर मंदाकिनी तट पर विशाल गधा मेला का आयोजन किया जाता है। ये मेला मध्यप्रदेश के सतना जिले की धार्मिक नगरी चित्रकूट में मंदाकिनी के तट पर लगता है। वैसे तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश अगल-अलग राज्य हैं, लेकिन, चित्रकूट और अयोध्या के बीच में धार्मिक जुड़ाव रहा है।
प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में दीपावली के दौरान मंदाकिनी तट पर गधों के मेले में पांच दिनों तक व्यापारियों और खरीददारों की भीड़ रहती है।पांच दिनों तक गधों की खरीद-बिक्री से करोड़ों का व्यापार होता है। मेले का आयोजन सतना जिला पंचायत करती है। मेले में गधे के साथ घोड़े-खच्चरों की भी बिक्री होती है।
चित्रकूट के गधों के​ मेले की परंपरा मुगल बादशाह औरंगजेब ने शुरू की। मेले से उसने मुगल सेना के बेड़े में गधे-खच्चर शामिल किए थे।दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर चित्रकूट तीर्थ क्षेत्र में पांच दिनों के दीपदान मेले का अपना रंग है।पांच दिनों के दीपदान मेले के दौरान भारतीय लोक संस्कृति और अनेकता में एकता का नायाब उदाहरण यहां देखने को मिलता है। दीपदान मेले के दौरान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विविधता में एकता भी देखने को मिलती है।चित्रकूट मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की तपोभूमि रही है।इस लिहाज से यहां होने वाला दीपदान मेला बेहद खास होता है।

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