प्रतापगढ़।पुलिस हम सभी की रक्षक है फिर क्यों पुलिस प्रशासन पर आए दिन टिप्पणियां होती है।लगातार पुलिस की कार्यशैली और ड्यूटी को लेकर टिप्पणियां होती रहती हैं और सवाल उठाए जाते हैं।पत्रकार शुभम मिश्रा द्वारा इन्हीं सब बातों को ध्यान में हुए देश की जनता को सच का आइना दिखाने का एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस ने अपराधमुक्त करने की सोची और एक अपराधी को पकड़ने भर की देरी होती है नेता जी का फोन आ जाता है लड़का हमारा, ऐसे में अब नेता जी की पुलिस न माने बात तो अपनी गवांए,या फिर ट्रांसफर का तोहफा मिल सकता है। वहीं अगर दूसरी तरफ न पुलिस अपराधमुक्त न करे तो मीडिया और जनता चिल्लाने लगती है।जनता नाकाम पुलिस, सोती है पुलिस जैसे शब्दों का उपयोग करने लगती है। ऐसे में आखिर पुलिस करे तो क्या करे।इतना पढ़ने लिखने के बाद भ्रष्ट नेताओं की न चाहते हुए भी जी हुजूरी करनी पड़ती है,भ्रष्ट नेताओं की वजह से ही भ्रष्टचार और अपराध बढ़ता है।ईमानदारी दिखाने पर ट्रांसफर या सस्पेंड का तोहफा मिलता है। ऐसे में समाज, राज्य और देश में चल रहा भ्रष्टाचार कैसे कम हो सकता है। ऐसे में अगर कोई पिसता है तो वो है गरीब जनता। कड़वा है पर सच है।
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