एक माह पहले ही लीक हो चुका था पेपर, एसटीएफ की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
एक माह पहले ही लीक हो चुका था पेपर, एसटीएफ की जांच में हुआ बड़ा खुलासा




01 Dec 2021 |  101



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी लखनऊ।उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 पेपर लीक कांड मामले की परत दर परत अब खुलती जा रही हैं।स्पेशल टास्क फोर्स ने इस मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय और पेपर छापने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व के डायरेक्टर राय अनूप प्रताप को गिरफ्तार करने के बाद ये बड़ा खुलासा किया है।पेपर लीक कराने में दोनों की अहम भूमिका है।अभी तक हुई जांच में ये स्पष्ट हो गया है कि टीईटी का पेपर ट्रेजरी से नहीं बल्कि प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ था।नकल माफिया के पास रविवार को होने वाली टीईटी की परीक्षा का पेपर लगभग एक माह पहले ही पहुंच गया था।एसटीएफ के पास पेपर की कॉपी नहीं थी इसलिए कार्रवाई करने के बजाए नकल माफिया के हर गतिविधि पर नजर थी।एसटीएफ ने कुछ लोगों को पहले ही हिरासत में ले लिया था।परीक्षा प्रारंभ होने के 15 घंटे पहले जब पेपर की कॉपी एसटीएफ के हाथ लगी तब पेपर की कॉपी शासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेजी गई।उन्होंने परीक्षा प्रारंभ होने के 3 घंटे पहले उसके असली होने की पुष्टि की तब पेपर रद्द करने की घोषणा की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय पर ही परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी थी। संजय ने पेपर छापने का ठेका नई दिल्ली की कंपनी आरएसएम फिनसर्व को दिया था। संजय ने 26 अक्टूबर को आरएसएम फिनसर्व कंपनी के डायरेक्टर राय अनूप प्रताप को पेपर छापने का वर्क आर्डर जारी किया।संजय और राय अनूप की कई बार मुलाकात हुई थीं।वर्क आर्डर मिलने से लगभग 1 माह पहले राय अनूप ने संजय को नोएडा के एक होटल में मिलने के लिए भी बुलाया था।जांच में ये भी खुलासा हुआ कि आरएसएम फिनसर्व कंपनी पेपर छापने के किसी भी मानक को पूरा नहीं कर रही थी।इसके बाद भी संजय ने कंपनी को काम दे दिया। आपको बताते चलें कि UPTET पेपर लीक कांड मामले में अभी तक 33 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। प्रयागराज से 18 लोग गिरफ्तार हुए हैं।लखनऊ से 4, शामली से 4, अयोध्या से 3, कौशांबी से 1, बागपत से 1, नोएडा से 1 आरोपी गिरफ्तार किए गये है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में 9 सॉल्वर का नाम भी सामने आया हैं।इनकी तलाश में एसटीएफ जुटी हुई है। एसटीएफ के राडार पर आरोपियों से जुड़े अन्य लोग और सॉल्वर उपलब्ध कराने वाले भी हैं।


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