श्रीमद भागवत कथा से होता है मानव को कर्तव्यबोध:पं.अरूणेश त्रिपाठी
श्रीमद भागवत कथा से होता है मानव को कर्तव्यबोध : पं. अरुणेश त्रिपाठी


02 Dec 2021 |  187



ब्यूरो देवी शरण मिश्रा

कुण्डा- प्रतापगढ़।बाबागंज विकास क्षेत्र के बलीपुर गांव में राकेश त्रिपाठी के घर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पंडित अरुणेश त्रिपाठी महाराज ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं ।

मानव हृदय ही संसार सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है। कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता ।

इस दौरान यजमान राकेश कुमार त्रिपाठी, कुसुम त्रिपाठी, शिक्षक आलोक त्रिपाठी, योगेश त्रिपाठी, आदित्य त्रिपाठी, सुधाकर त्रिपाठी, राज नारायण शुक्ल, प्रभाकर नाथ पांडेय, राजेश पांडेय, अरुण कुमार, पारस नाथ पांडेय, त्रिलोचन दुबे व शिवकांत दुबे समेत सैकड़ों श्रोतागण उपस्थित रहे।

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