17 छात्राओं को स्कूल में रात रोककर छेड़छाड़,17 दिन बाद दर्ज हुई रिपोर्ट, एस‌ओ हुए लाइन हाजिर
17 छात्राओं को स्कूल में रात रोककर छेड़छाड़,17 दिन बाद दर्ज हुई रिपोर्ट,एस‌ओ हुए लाइन हाजिर


06 Dec 2021 |  82





पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में 17 छात्राओं को रात में स्कूल में रोककर छेड़छाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।जिन शिक्षकों को देवता समझकर दिन हंसी-खुशी से बीता था, वह रात में हैवान बन गए।
पुलिस मामला दबाती रही, लेकिन आखिरकार मुकदमा दर्ज हो गया।भाजपा विधायक की शिकायत पर एसपी सिटी और एएसपी ने की जांच तो इस मामले का खुलासा हुआ।दो स्कूल संचालक नामजद किए गए हैं।प्रयोगात्मक परीक्षा के बहाने छात्राओं को संचालक स्कूल में लेकर गया था।


प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरकाजी के दो स्कूल संचालकों ने प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के बहाने भोपा से दसवीं की 17 छात्राओं को रात में पुरकाजी क्षेत्र के जीजीएस इंटरनेशनल स्कूल में रोककर उनके साथ छेड़खानी की।
18 नवंबर को हुई इस शर्मनाक घटना पर थाना पुरकाजी पुलिस दोनों स्कूल संचालकों के साथ गलबहियां करते हुए पर्दा डालती रही।भाजपा विधायक प्रमोद उटवाल ने जब इस मामले की जानकारी एसएसपी को दी। इसके बाद एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय और एएसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने रविवार को थाना पुरकाजी पहुंचकर जांच पड़ताल की तब मामले का खुलासा हुआ।

इस मामले में एसओ विनोद कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सूर्य देव पब्लिक स्कूल थाना भोपा के संचालक योगेश कुमार और जीजीएस इंटरनेशनल स्कूल थाना पुरकाजी के संचालक अर्जुन सिंह के खिलाफ छेड़खानी, नशीला पदार्थ देने और पोक्सो एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

एक छात्रा के अभिभावक ने बताया कि योगेश छात्राओं को प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के बहाने घर से लेकर आया था और देर हो जाने का बहाना बनाकर स्कूल में रोक लिया। रात में खिचड़ी में नशीला पदार्थ मिलाकर खिला दिया और उसके बाद छेड़खानी की गई। अगले दिन उन्हें डराया गया कि किसी को बताया तो उनके परिजनों की हत्या कर दी जाएगी। छात्राओं ने परिजनों को इसकी जानकारी दी और स्कूल जाना बंद कर दिया।

इस मामले में भाजपा विधायक ने पहले एसओ और सीओ को फोन कर जानकारी दी थी। इसके बाद शनिवार को एक स्कूल संचालक को थाने बुलाया गया और उससे पूछताछ की गई। बाद में उससे एक पत्रकार के खिलाफ अफवाह फैलाकर ब्लैकमेल करने की तहरीर लेकर छोड़ दिया था। अभिभावकों से बात करने की कोशिश नहीं की गई।

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