सीएम योगी के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद
सीएम योगी के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद




20 Jan 2022 |  126



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की वजह से प्रदेश का सियासी पारा हाड़ कपाऊं ठंड में भी सातवें आसमान पर पहुंच गया है।चुनाव की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होने लगी है।सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करनी शुरू कर दी है।इसी बीच आजाद समाज पार्टी ने बड़ी घोषणा की है।आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीधा ताल ठोक कर चुनौती देते हुए नजर आएंगे।चंद्रशेखर ने मुकाबले को अब और दिलचस्प कर दिया है। सपा से गठबंधन करना चाहते थे चंद्रशेखर इससे पहले चंद्रशेखर समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने के प्रयास में थे,लेकिन बाद में वो गठबंधन करने से पीछे हट गए थे। चंद्रशेखर ने कहा था कि अखिलेश यादव को दलित वोट की जरूरत नहीं है,इसलिए सपा और आजाद समाज पार्टी का गठबंधन नहीं होगा।हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और जिनके लिए सड़कों पर आंदोलन किए हैं, लाठियां खाई हैं, जेल काटी है, उस जनता से अपील करेंगे कि नए लोगों को मौका दें। सपा से झटका लगने के बाद चंद्रशेखर अब अकेले चुनावी मैदान के अखाड़े में उतरने का फैसला लिया है।चंद्रशेखर अपने सियासी सफर को साहसी तरीके से शुरू करने की सोच रहे हैं।इसीलिए उन्होंने सीएम योगी को ताल ठोक कर खुली चुनौती देने का फैसला लिया है।आजाद समाज पार्टी ने गोरखपुर सदर विधानसभा सीट से चंद्रशेखर आजाद को मैदान में उतारा है।सीएम योगी भी इसी सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। चंद्रशेखर हमेशा भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते रहते हैं।चंद्रशेखर के मुताबिक भाजपा सरकार में दलितों का शोषण किया जा रहा है। चंद्रशेखर 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टक्कर देने के लिए तैयार थे और काशी में एक रैली तक भी की थी,लेकिन बाद में मामला टाय टाय फुस्स हो गया था। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे सीएम योगी योगी आदित्यनाथ भी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वो 2017 में मुख्यमंत्री बनने से पहले तक लोकसभा के सदस्य थे। सीएम योगी 1998 में पहली बार गोरखपुर से लोकसभा सांसद चुने गए। वो लगातार 5 बार से गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव जीते, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने विधान परिषद की राह चुनी। 33 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा इससे पहले मंगलवार को चंद्रशेखर ने 33 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।इन सीटों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर,बिजनौर, हापुड़, आगरा, बुलंदशहर, एटा, मथुरा, संभल, आजमगढ़, कौशाम्बी, गाज़ीपुर, उन्नाव, लखनऊ, लखीमपुर, सीतापुर, सुल्तानपुर जिलों की हस्तिनापुर, खुर्जा,मेरठ कैंट, रामपुर मनिहारन, देवबंद, गंगोह, सहारनपुर देहात, चरथावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर शहर , धामपुर, नहटौर, हापुड़, नूरपुर, आगरा साउथ, नोएडा, चंदौसी, कुंदरकी, आलापुर, जखनिया, सिराथू, मलीहाबाद, पलिया, मुबारकपुर, मोहम्दाबाद, हरगांव, जलेसर,एत्मादपुर, सगड़ी, जयसिंहपुर,तिर्वा और माट विधानसभा सीटें है। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा।प्रदेश में अन्य चरणों में मतदान 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 और 7 मार्च को होगा। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। 2017 के चुनाव नतीजों की बात करें तो भाजपा ने यहां की 403 में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं। मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। वहीं, 4 सीटों पर अन्य का कब्जा हुआ था।


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