रूस ने यूक्रेन पर क्यों किया हमला, युद्ध की क्या है असली वजह, जानें इस विवाद की पूरी कहानी
रूस ने यूक्रेन पर क्यों किया हमला, युद्ध की क्या है असली वजह,जानें इस विवाद की पूरी कहानी


28 Feb 2022 |  186





नई दिल्ली।रूस और यूक्रेन का युद्ध विश्व को संकट में डाल दिया है।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कदम के बाद कई लोग ये जानना चाहते है कि युद्ध कैसे और क्यों शुरू हो गया। कैनेडियन इंस्टीट्यूट फॉर यूक्रेनियन स्टडीज,यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के निदेश जार बलन ने इसी तरह के अहम सवालों के जवाब दिए। रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया इस सवाल के जवाब में जार बलन ने कहा कि पुतिन को 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद से रूस की शक्ति और प्रभाव के नुकसान से गहरी शिकायत है।यूक्रेन पहले सोवियत संघ का हिस्सा था,लेकिन 1991 में उसने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।

रूस की सीमा से लगे एक समृद्ध,आधुनिक,स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय देश के अस्तित्व को रूस के निरंकुश शासन के लिए खतरा माना जाता रहा है।अगर यूक्रेन के नेता अन्य पश्चिमी लोकतंत्रों की तर्ज पर अपने देश को पूरी तरह से सुधारने में सफल रहे तो ये पूर्व सोवियत देशों के लिए एक बुरी मिसाल कायम करेगा और रूसियों के लिए एक उदाहरण के रूप में काम करेगा जो एक अधिक लोकतांत्रिक देश चाहते हैं।पुतिन यह भी मानते हैं कि पश्चिमी लोकतंत्र कमजोर स्थिति में हैं।रूस को लगा कि यह एक प्रमुख सैन्य अभियान शुरू करने का उपयुक्त समय है।

क्या यह युद्ध है इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिलकुल, पारंपरिक और आधुनिक दोनों अर्थों में इसमें परिष्कृत साइबर हमलों और परंपरागत दुष्प्रचार के साथ सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित प्रचार सामग्री के संयोजन में वायु, समुद्र और जमीनी सैन्य बलों के साथ एक हमला शामिल है।यूक्रेन पर हमला पहले के कई तरीके से किए हमले का विस्तार और वृद्धि है। यह एक युद्ध है जो वास्तव में 2013-14 में यूक्रेन के सम्मान को लेकर क्रांति के बाद शुरू हुआ,जिसे यूरोमैदान भी कहा जाता है।जब यूरोप के साथ घनिष्ठ संबंध चाहने वाले नागरिकों के व्यापक प्रदर्शन के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानकोविच को हटा दिया गया।यानकोविच ने विरोध को दबाने ने के लिए रूस से मदद मांगी थी।

रूस ने अवैध रूप से क्रीमिया पर कब्जा करके जवाब दिया।यह यूक्रेन का वह हिस्सा था जो काला सागर पर रूसी सीमा के पास है। रूस ने यूक्रेन के पूर्व में दोनेत्सक और लुहान्स्क में बड़े पैमाने पर रूस समर्थक अलगाववादियों के समर्थन में सैन्यकर्मियों,भाड़े के सैनिकों और अन्य संसाधनों की आपूर्ति की डोनबास में 2014 से अब तक की लड़ाई में यूक्रेन के 14,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।

क्या आक्रमण रूस के क्रीमिया पर कब्जा करने से जुड़ा है, इस पर जार बलन ने कहा कि सोवियत संघ के टूटने के समय क्रीमिया यूक्रेन का एकमात्र हिस्सा था,जिसमें रूसियों का मामूली बहुमत था, लेकिन फिर भी प्रायद्वीप की 55 प्रतिशत आबादी ने यूक्रेन की स्वतंत्रता के लिए मतदान किया।शब्द,शीत युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अवधि को संदर्भित करता है।जब सोवियत संघ और पश्चिमी देश एक दूसरे के खिलाफ गठबंधन कर रहे थे जो अनिवार्य रूप से पूंजीवाद और साम्यवाद के बीच एक वैचारिक लड़ाई थी।

बलन ने कहा कि शीतयुद्ध के चरम पर दुनिया की दो बड़ी सैन्य शक्तियां अमेरिका और सोवियत संघ विकासशील दुनिया में तोड़फोड़, दुष्प्रचार अभियानों और छद्म युद्धों के माध्यम से एक वैचारिक संघर्ष में लगे रहे। पुतिन उस समय की ओर मुड़ने की कोशिश कर रहे हैं जब सोवियत संघ और पश्चिम ने यूरोप में ‘‘प्रभाव के क्षेत्रों’’ को परिभाषित और अपेक्षाकृत स्थिर किया था।यूक्रेन कितना ‘रूसी’ है? इस सवाल पर जार बलन ने कहा कि 2001 में अंतिम जनगणना के अनुसार स्वतंत्र यूक्रेन के 17.3 प्रतिशत नागरिकों ने खुद को जातीय रूसी के रूप में पहचाना। यह 1989 से लगभग पांच प्रतिशत अंक की गिरावट थी, जो सोवियत संघ के टूटने के बाद रूसियों के पलायन को आंशिक रूप से दर्शाता है।

हाल तक यूक्रेन की बड़ी आबादी में रूस की सकारात्मक छवि थी, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है,जिनका रूस के प्रति आलोचनात्मक या संदेहपूर्ण रवैया है।युद्ध से हालात और खराब होना तय है।पुतिन ने यूक्रेन को असली देश क्यों नहीं कहा,आक्रमण से कुछ दिन पहले टेलीविजन पर भाषण में पुतिन ने कहा कि आधुनिक यूक्रेन पूरी तरह से रूस द्वारा बनाया गया है।

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