ज़िंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा, जंग लाज़िम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते
ज़िंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा,
जंग लाज़िम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते

20 Jun 2022 |  194




झांसी।उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के ये दो बच्चे
मौसम ताम्रकर और माही ताम्रकर है।बचपन में ही माता पिता का साया सर से उठ गया। बड़ागांव गेट के पास दादा दादी के साथ रहते हैं।आर्थिक हालत अच्छी नहीं हैं।
दादा दादी भगवान की पोशाक सिलने का काम करते हैं और किसी तरह घर के खर्चे पूरे हो पाते हैं।

टीम उम्मीद रोशनी की के माध्यम से हाफिज़ सिद्दीकी इंटर कॉलेज में माही को कक्षा 6 से और मौसम को कक्षा 8 से शिक्षा दिलाई जा रही है।इंगलिश मीडियम के माध्यम से दोनों अध्ययन करते हैं।इनका पूरा खर्च टीम उठाती है।पढ़ाई की ऐसी लगन कि इन हालातों में भी दोनों ने जी तोड़ मेहनत की और शनिवार को जारी हुए परिणामों में हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा फस्ट डिवीजन से पास की है।

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