प्रभु श्रीराम को आज लगाया जाएगा फलाहार का भोग, जानिए एकादशी का महत्व
प्रभु श्रीराम को आज लगाया जाएगा फलाहार का भोग, जानिए एकादशी का महत्व

24 Jun 2022 |  80



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी

अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में पुजारी प्रभु श्रीराम को बालक के रूप में मानकर सेवा करते हैं।प्रभु श्रीराम को गर्मी न लगे इसके लिए ऐसी भी लगाई गयी है।गर्मी से बचने के लिए ठंडी चीजों को भोजन में भी शामिल कराया गया है।आज शुक्रवार एकादशी के मौके पर प्रभु श्रीराम को फलाहार का भोग लगाया जाएगा।प्रभु श्रीराम को दिन भर में तीन बार भोग लगाया जाता है।पहला सुबह श्रृंगार के बाद रामलला का पट जब भक्तों के लिए खुलता हैं तो उससे पहले उन्हें बाल भोग कराया जाता है।दोपहर में राजभोग के बाद पट बंद होते हैं।इसके बाद दोपहर में 2:00 बजे खुलते हैं और फिर रात्रि में संध्या भोग।

बाल भोग में प्रभु श्रीराम को पेड़ा और पंचमेवा का भोग लगाया गया।दोपहर में पकौड़ी हलवा दही और मौसमी फल आम का भोग लगाया गया।एकादशी के दिन प्रभु श्रीराम शाम को भी फलहार ही करेंगे।शाम को सिंघाड़े के आटे का हलवा फ़लारी सब्जी और मिष्ठान फल का भोग लगाया जाएगा।एकादशी के दिन प्रभु श्रीराम को फलाहार का ही भोग लगाया जाएगा।

प्रभु श्रीराम के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान को फलाहार बहुत पसंद है और एकादशी तिथि सभी तिथियों में सबसे उच्च है।इस दिन फलाहार कर भगवान विष्णु की आराधना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।उन्होंने बताया कि एकादशी के दिन फलाहार का भोग रामलला को लगाया जाता है।बाल भोग में पेड़ा और पंचमेवा का भोग लगता है और उसके बाद आरती होती है।दोपहर में राजभोग के तौर पर फल का कुट्टू के आटे की पकौड़ी और हलवा का फलारी भोग लगाया जाता है। उसके बाद दोपहर में शयन के लिए पट बंद कर दिए जाते हैं।संध्या भोग में रामलला को पकौड़ी फल और खीर का भोग लगाकर रात्रि विश्राम के लिए भगवान के कपाट बंद किए जाते हैं।

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