जानी दुश्मन बृजेश सिंह के जेल से बाहर आते ही खौफ में मुख्तार अंसारी,न सही से खा रहे, न सो रहे
जानी दुश्मन बृजेश सिंह के जेल से बाहर आते ही खौफ में मुख्तार अंसारी,न सही से खा रहे, न सो रहे

05 Aug 2022 |  163



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी


लखनऊ। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का जानी दुश्मन डॉन बृजेश सिंह 14 साल तक कैद में रहने के बाद जमानत पर जेल से बाहर आ गये है।डॉन की जेल से रिहाई ने माफिया मुख्तार अंसारी की बेचैनी बढ़ा दी है।सूत्रों की अगर मानी जाए तो मुख्तार अंसारी न तो सही से सो पा रहे है और न ही सही से खा पा रहे है। मुख्तार अंसारी को पता चल गया है कि डॉन बृजेश सिंह बाहर आ गया है।

जेल के सूत्रों से खबर है कि डॉन ब्रजेश सिंह के जेल से छूटने के बाद से माफिया मुख्तार अंसारी खौफ में आ गए है।मुख्तार अंसारी जेल की तन्हा बैरक में गुरुवार की रात भर नहीं सो पाए है और भरपेट खाना भी नहीं खा पा रहे है।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी पर हुए जानलेवा हमले और हत्या की साज़िश के आरोपी डाॅन बृजेश सिंह उर्फ अरूण कुमार सिंह की जमानत मंजूर कर ली और गुरुवार को डॉन बृजेश सिंह जेल से छूट ग‌ए

आपको बता दें कि डॉन बृजेश सिंह पिछले 14 सालों से जेल में बंद थे। डॉन पर अपने साथियों के साथ मिलकर पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। 15 जुलाई 2001 को माफिया मुख्तार अंसारी के काफिले पर गोलीबारी हुई थी।इसमे मुख्तार अंसारी के गनर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। डॉन और अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला और हत्या की साज़िश सहित आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।इस मामले में हाईकोर्ट में जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच ने डॉन बृजेश सिंह को जमानत दी।

जानें कोर्ट में क्या दलील दी गई

हाईकोर्ट में जमानत के समर्थन में याची की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है।इससे पहले उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी और साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे के विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए और ट्रायल भी पूरा किया जाए,लेकिन अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है।

जानें डॉन बृजेश सिंह और माफिया मुख्तार अंसारी की कैसे हुई दुश्मनी

बताया जाता है कि पहले डॉन बृजेश और माफिया मुख्तार अंसारी की दोस्ती हुआ करती थी।दोनों डाॅन के बीच दोस्ती में तब दरार आई जब 1991 में वाराणसी के पिंडरा से विधायक अजय राय के भाई अवधेश की मौत की खबर सुनकर डाॅन बृजेश सिंह का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया।अवधेश की हत्या में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके गैंग का नाम सामने आया और ये बात डाॅन बृजेश सिंह को खल गई। माफिया मुख्तार अंसारी ने 1996 में पहली बार विधानसभा चुनाव में विधायक और डाॅन बृजेश सिंह की जरायम की बादशाहत को चुनौती देने लगे।जिससे डाॅन बृजेश सिंह और माफिया मुख्तार अंसारी की दुश्मनी बढ़ गई। 1996 में माफिया मुख्तार अंसारी पहली बार विधायक बने और रुतबा बढ़ गया। गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के उसर चट्टी इलाके में तत्कालीन मऊ से विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के काफिले पर डाॅन बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने मिलकर जानलेवा हमला किया था।दिन में दोपहर 12:30 बजे हुए इस हमले में माफिया मुख्तार अंसारी के गनर समेत तीन लोगों की मौत हुई थी।

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