बरी होने के बाद अभी जेल में ही रहेंगे बसपा सांसद अतुल राय, लखनऊ में दर्ज है 120बी का मुकदमा
बरी होने के बाद अभी जेल में ही रहेंगे बसपा सांसद अतुल राय, लखनऊ में दर्ज है 120बी का मुकदमा

06 Aug 2022 |  181



ब्यूरो प्रेम शंकर मिश्र

वाराणसी।घोसी से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय दुष्कर्म के मामले में पिछले 36 महीनों से नैनी जेल में बंद है।शनिवार को अतुल राय को दुष्कर्म मामले में बरी कर दिया गया है।विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।मगर अभी अतुल राय जेल से बाहर नहीं आएंगे। बसपा सांसद के अधिवक्ता ने बताया कि लखनऊ में 120बी का मामला दर्ज कराया गया है।जैसे ही ये निस्तारित होगा सांसद अतुल राय जेल से बाहर आ जाएंगे।मुकदमे में सुनवाई के बाद वाराणसी कचहरी परिसर के बाहर अतुल राय समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।

तीन साल पुराना ये मामला सुर्खियों में था। 16 अगस्त 2021 को अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने अपने मित्र के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था।इलाज के दौरान युवक की 21 अगस्त 2021और युवती की 24 अगस्त 2021 को मौत हो गई थी।दोनों ने कोर्ट के बाहर फेसबुक पर लाइव वीडियो शेयर करते हुए आत्मघाती कदम उठाया था। लाइव वीडियो में पीड़िता और उसके साथी ने वाराणसी पुलिस के तत्कालीन अफसरों और न्याय व्यवस्था को कोसते हुए ये कदम उठाया था।

सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह साथी ने पुलिस पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए 16 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह किया था। दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
इसी मामले में भेलूपुर के पूर्व सीओ अमरेश सिंह बघेल को भी 30 सिंतबर को बराबंकी से गिरफ्तार किया गया था। बघेल अब भी जिला जेल चौकाघाट में बंद है।वहीं बनारस के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, तत्कालीन एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी पर शासन स्तर से कार्रवाई हुई थी और कैंट इंस्पेक्टर राकेश सिंह और दरोगा गिरजा शंकर सिंह यादव को पुलिस आयुक्त ने निलंबित करते हुए जांच बैठा दी थी। गाजीपुर, बलिया और बनारस तक इस घटना से लोगों में उबाल था।

मई 2019 में दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मुकदमा


बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय पर बलिया की रहने वाली बनारस के एक काॅलेज की पूर्व छात्रा ने एक मई 2019 को लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था।इसमें गवाह के तौर पर गाजीपुर के भंवरकोल निवासी एक युवक था।लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को बसपा सांसद ने वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।तब से जेल में ही हैं।मौजूदा समय में प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।

आपको बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी के कभी बेहद करीबी रहे अतुल राय पर कुल 27 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। पहला मुकदमा 2009 में दर्ज हुआ था।बीएससी की पढ़ाई के दौरान ही अतुल राय का झुकाव जरायम और सियासत की ओर हुआ और मऊ सदर के पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़ गये।इसके बाद अतुल राय ने फिर कभी पीछे नहीं देखा। माफिया मुख्तार अंसारी के शह पर मोबाइल टावर में तेल सप्लाई के कारोबार से लेकर बरेका में ठेका और रियल एस्टेट कारोबार से आगे बढ़े अतुल राय ने पहली बार में ही बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर घोषी से लोकसभा का चुनाव जीता।इस चुनाव के बाद मुख्तार अंसारी और अतुल राय में दूरी बन गईं। मुख्तार अंसारी बेटे अब्बास को घोषी से सांसद बनाने का सपना देख रहे थे,लेकिन हाथ से बसपा का टिकट छीनने वाले अतुल राय ने अपनी जान को माफिया मुख्तार अंसारी से खतरा भी बताया है।



एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी होने के बाद कोर्ट पहुंचे अतुल राय के पिता ने खुशी जाहिर की।बीएलडब्ल्यू से रिटायर्ड चन्द्रबली राय भी आज कोर्ट में फैसला सुनने पहुंचे थे।कैंसर पीड़ित चन्द्रबली ने कहा कि मेरे बेटे को तीन साल से षणयंत्र के तहत जेल में रहना पड़ा।इसमें सरकार का दोष नहीं है, लेकिन मेरी सरकार से मांग है कि उन लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे जिन्होंने मेरे बेटे के लिए षणयंत्र रचा है।

कोर्ट पहुंचे सांसद के छोटे भाई पवन कुमार सिंह ने कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास था।हमारी कोर्ट से मांग है कि जो लोग इस षणयंत्र के पीछे थे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। वहीं उनके अधिवक्ता अनुज यादव ने कहा कि आज कोर्ट में जस्टिस सियाराम ने गुण-दोष के आधार पर फैसला सुनाया है, जिसमें साक्ष्य के विश्वसनीय न होने पर सांसद को बाइज्जत बरी कर दिया गया है।

एडवोकेट अनुज यादव ने मुख्तार अंसारी के खास सजायाफ्ता अंगद पर इस पूरे षणयंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा ही ये षणयंत्र किया गया था। उनसे जब पूछा गया कि आप जब जानते थे कि ये षणयंत्र है तो फिर आप ने पूर्व में जमानत के लिए क्यों नहीं ट्राई किया तो उन्होंने कहा कि हम ट्रायल पर ध्यान दे रहे थे और उसकी तैयारी के बाद हमने जो साक्ष्य पेश किया उसके आधार पर आज सांसद रिहा हो गए।

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