अन्नदाताओं पर इंद्रदेव का कहर: बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से 83 हजार से अधिक अन्नदाताओं का हुआ नुकसान,आपदा प्रभावितों की संख्या में हुई बढ़ोतरी
अन्नदाताओं पर इंद्रदेव का कहर: बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से 83 हजार से अधिक अन्नदाताओं का हुआ नुकसान,आपदा प्रभावितों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

24 Mar 2023 |  186




लखन‌ऊ।बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के सर्वे में गुरुवार को 63,993 अन्नदाता की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।फसलों के नुकसान पर अब 83 हजार से अधिक अन्नदाता को मुआवजा मिलेगा। वाराणसी में अब तक सबसे अधिक 58,393 अन्नदाता का नुकसान हुआ है। जिलों में सर्वे अभी जारी है और संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।योगी सरकार ने राहत कार्याें को तेजी के साथ आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

बुधवार तक हुए सर्वे में 19 हजार अन्नदाता की फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है।इनको मुआवजा मिलेगा।सर्वे अभी जारी है और संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।ललितपुर जिले में बुधवार को 2000 अन्नदाता का नुकसान हुआ था। अब यहां 7830 अन्नदाता की 6216 हेक्टेयर फसल बरबाद हुई है। अन्नदाता को यहां 10.27 करोड़ रुपये राहत राशि बांटी जाएगी।वाराणसी में 480 अन्नदाता का पहले नुकसान हुआ था, अब यहां सबसे अधिक 58393 अन्नदाता का नुकसान हुआ है। इनकी 13112.040 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। यहां राहत देने के लिए 22.30 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

बारिश और ओलावृष्टि के बाद चल रहे सर्वे में उन्नाव और चंदौली जिले में भी फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान मिला है। राहत प्रशासन ने इन दोनों जिलों में भी अन्नदाता को क्षतिपूर्ति देने की सिफारिश की है। अब खराब मौसम से प्रभावित जिलों की संख्या आठ हो गई है। बुधवार तक हमीरपुर, ललितपुर, प्रयागराज, आगरा और बरेली में राहत प्रशासन ने माना था कि वहां फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। गुरुवार को उन्नाव और चंदौली को भी इस सूची में शामिल कर लिया गया। उन्नाव में ओलावृष्टि से 19 गांवों की 2801 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। यहां अन्नदाता को देने के लिए 3.12 करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ेगी। चंदौली में 11265 अन्नदाता की कुल 2986.813 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। इसके लिए किसानों को दी जाने वाली धनराशि का विभाग अभी आकलन किया जा रहा है।

किसानों को फसल बीमा के रूप में मिले 462.80 करोड़

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गुरुवार को केंद्र सरकार ने लांच ऑफ डीजी क्लेम मॉड्यूल का शुभारंभ किया। इस संबंध में हुई वर्चुअल बैठक में केंद्रीय कृषि नरेंद्र सिंह तोमर ने खरीफ 2022 के लिए छह राज्यों के किसानों की क्षतिपूर्ति के रूप में 1260.35 करोड़ रुपये उनके खातों में ट्रांसफर की। इसमें यूपी के 903336 किसानों को 462.80 करोड़ रुपये दिए गए। यह रकम क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उपज के आधार पर दी गई है। इससे पहले यूपी में मध्यावस्था में आंशिक क्षतिपूर्ति के रूप में 2.18 लाख कृषकों को 134.25 करोड़ पहले ही बीमा कंपनियों ने दे दी थी। इस तरह कुल 597.05 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए।

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री को चार सुझाव भी दिए। कहा कि आपदा की स्थिति में कृषकों की ओर से व्यक्तिगत क्षति की सूचना देने की मियाद 72 घंटे से बढ़ाकर 4 से 5 दिन होनी चाहिए। असफल बोआई के तहत ग्रामपंचायत में 75 प्रतिशत क्षेत्र में बोआई न होने पर क्षतिपूर्ति देने की व्यवस्था को घटाकर 60 प्रतिशत करना सही होगा। बैंकों से प्रीमियम काटने पर यह रकम बीमा कंपनी को निर्धारित समय से दी जाए। क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान किसानों को फसल कटाई के एक माह में कर दिया जाए।

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