मन की बात करते समय कई बार भावुक हुआ,करनी पड़ी दोबारा रिकॉर्डिंग,100वें एपिसोड में बोले PM मोदी,पढ़ें अहम बातें
मन की बात करते समय कई बार भावुक हुआ,करनी पड़ी दोबारा रिकॉर्डिंग,100वें एपिसोड में बोले PM मोदी,पढ़ें अहम बातें

30 Apr 2023 |  144





नई दिल्ली। 3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ एक कारवां आज अपने 100वें पड़ाव पर पहुंच गया है। मन की बात की 100वें एपिसोड में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम से जुड़ने वाला हर विषय जनआंदोलन बन गया।प्रधानमंत्री बनने के बाद परिस्थितियों की विवशता के कारण उनके पास जनता से कट जाने की चुनौती थी,लेकिन मन की बात ने इसका समाधान दिया और सामान्य लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात कोटि-कोटि भारतीयों के मन की बात है। यह उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। मन की बात देशवासियों की अच्छाइयों और उनकी सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। पीएम ने कहा कि मन की बात की रिकॉर्डिंग के समय कई बार भावुक भी हुआ इसकी वजह से कई बार दोबारा रिकॉर्डिंग की गई।

पीएम मोदी की संवाद सेंचुरी, पढ़ें अहम बातें

पीएम मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा पर्व है, जो हर महीने आता है और जिसका सभी इंतजार करते हैं।हम इसमें सकारात्मकता और लोगों की भागीदारी का जश्न मनाते हैं। मन की बात जिस विषय से जुड़ा, वह जनआंदोलन बन गया और लोगों ने इसे जनआंदोलन बना दिया।इस क्रम में पीएम ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान, खादी को लोकप्रिय बनाने और प्रकृतति से जुड़े कार्यक्रमों का उल्लेख किया। पीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा मन की बात की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी।पीएम ने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वहां आम जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने, तो वह जीवन अलग था, क्योंकि काम का स्वरूप अलग था, दायित्व अलग थे और साथ ही परिस्थितियों का बंधन व सुरक्षा का तामझाम भी था।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं खाली-खाली सा महसूस करता था। 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क भी मुश्किल हो जाएगा। जो देशवासी मेरा सब कुछ हैं, मैं उनसे ही कटकर जी नहीं सकता था। पीएम ने कहा कि मन की बात ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया। आम लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया। इस कार्यक्रम ने मुझे कभी भी आपसे दूर नहीं होने दिया।

पीएम मोदी ने सेल्फी विद डॉटर अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि ये देश से लेकर विदेश में बहुत चला। ये सेल्फी का मुद्दा नहीं था, ये बेटियों से जुड़ा था,जिसमें लोगों ने बहुत शानदार तरीके से भाग लिया। इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था।

पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात ने मुझे लोगों से जुड़ने का जरिया मुहैया कराया। यह मेरे लिए महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है। पीएम ने कहा कि मन की बात कोटि-कोटि भारतियों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। पीएम ने कहा कि 3 अक्टूबर 2014 के दिन हमने मन की बात की यात्रा शुरू की। मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े। हर आयु-वर्ग के लोग जुडे़।

बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके माध्यम से पीएम हर महीने के आखिरी रविवार को विभिन्न मुद्दों पर लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हैं। मन की बात के लिए श्रोताओं से राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मुद्दों पर सुझाव और विचार भी आमंत्रित किए जाते हैं।

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