लखनऊ।कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह में आखिर क्या कॉमन है। राजा भइया और धनंजय सिंह में 14 मई से क्या रिश्ता है।इसे संयोग कहा जाए या फिर प्रयोग। राजा भइया और धनंजय सिंह ने आज 14 तारीख को अपने करीबियो की बैठक बुलाई है।धनंजय सिंह ने जौनपुर में अपने घर पर मीटिंग बुलाई है।राजा भइया ने प्रतापगढ़ में बेंती में जनसत्ता दल के नेताओं की बैठक बुलाई है। राजा भइया और धनंजय सिंह इसी महीने भाजपा के शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं।इसके आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक बुलाई गई है।
न तीन में न तेरह में,यह कहावत बहुत पुरानी है।इस बार लोकसभा चुनाव में राजा भइया और धनंजय सिंह का यही हाल है।राजा भइया जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हैं। राजा भइया और विनोद सरोज को मिलाकर जनसत्ता दल के पास दो विधायक हैं।प्रतापगढ़ और कौशांबी समेत आस-पास की लोकसभा सीटों पर राजा भइया का खासा प्रभाव है।
राजा भइया ने कई मौकों पर भाजपा का किया समर्थन
बीते छह सालों में राजा भइया ने कई मौकों पर भाजपा का समर्थन किया है।इसी वजह से राजा भइया का सपा मुखिया अखिलेश यादव से संबंध भी ख़राब हो गया। 2018 के राज्यसभा के चुनाव में राजा भइया बसपा प्रत्याशी को वोट नहीं दिया था।तब सपा और बसपा का गठबंधन था।कहावत है कि ताली दोनों हाथों से बजती है,एक हाथ से नहीं,लेकिन राजा भइया और भाजपा के मामले में ऐसा नहीं है।अब तक तो राजा भइया ही बिना शर्त समर्थन देते रहे हैं।
राजा भइया और शाह की मुलाकात
राजा भइया इस बार कौशांबी लोकसभा से अपने सहयोगी शैलेंद्र कुमार को चुनाव लड़ाना चाहते थे,लेकिन भाजपा से बात नहीं बनी। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद विनोद सोनकर को चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन इसके बाद बैंगलुरु में राजा भइया और अमित शाह की मुलाक़ात हुई। राजा भइया और अमित शाह ने दिल खोलकर बात की
सपा का विरोध
कभी मुलायम सिंह यादव के बहुत करीबी रहे राजा भइया अब सपा के धुर विरोधी हैं।राजा भइया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी करीबी हैं।समझा जा रहा है कि अमित शाह ने राजा भइया को उचित मान सम्मान देने का भरोसा दिया है।अगर इस पर राजा भइया मान गए तो फिर आज मंगलवार की बैठक में राजा भइया भाजपा को समर्थन देने का फ़ैसला कर सकते हैं।राजा भइया का कहना है कि बैठक में बाक़ी नेताओं की जो राय होगी वहीं उनका फ़ैसला होगा। अगर ये कहा गया कि लोग अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट करेंगे तो फिर वही सही।
धनंजय सिंह जमानत पर बाहर
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह जमानत पर बाहर हैं। धनंजय सिंह को एमपी-एमएलए कोर्ट से सात साल की सजा हुई है। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह जौनपुर से बसपा से चुनावी मैदान में थीं।श्रीकला ने नामांकन भी कर दिया था, लेकिन बाद में श्रीकला ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। सूत्रों के मुताबिक तीन दिनों पहले दिल्ली में धनंजय सिंह और उनकी पत्नी की अमित शाह से मुलाक़ात हो चुकी है।अमित शाह से हुई मुलाकात में क्या बात हुई,अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।धनंजय सिंह ने आगे की रणनीति तय करने के लिए आज मंगलवार को अपने करीबियों की बैठक बुलाई है। समझा जा रहा है कि धनंजय सिंह भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं।
2019 में जौनपुर से हार गई थी भाजपा
भाजपा ने जौनपुर से कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों के मुताबिक अगर धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला बसपा से चुनावी मैदान में रहती तो भाजपा को जीतने में मुश्किल हो सकती थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा जौनपुर से हार गई थी।इसलिए इस बार भाजपा कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है।
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