भारत के खिलाफ इस आतंकी संगठन ने किया जिहाद का ऐलान,पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर से है कनेक्शन
भारत के खिलाफ इस आतंकी संगठन ने किया जिहाद का ऐलान,पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर से है कनेक्शन

08 Jun 2025 |   101



 

न‌ई दिल्ली।जिस तरह से भारत में हर रोज एक नया यूनिकॉर्न तैयार हो रहा है,उसी तरह पाकिस्तान में रोज एक नया आतंकी संगठन तैयार किया जा रहा है।अब पाकिस्तान में एक नए आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर ने जन्म लिया है।इस न‌ए आतंकी संगठन ने जन्म लेते ही भारत के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया है और कहा कि वो नियंत्रण रेखा को नहीं मानता।इस नए आतंकी संगठन को बनाने के मकसद के बारे में आपको बताएं,उससे पहले इस आतंकी संगठन की देखरेख किन आतंकियों को मिली है आइए उनके बारे में जानें।

वैसे तो तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर की चिट्ठी में कहा गया है कि इसका प्रमुख मौलाना मकबूल डार है और प्रवक्ता मुफ्ती महबूब बट सोपोर है।बरहाल खुफिया सूत्रों के मुताबिक ये दोनों नाम नकली है।असल में इसे चलाने की जिम्मेदारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने पूर्व वायुसेना अधिकारी और भारत में वांटेड आतंकी अब्दुल्लाह उमर खान उर्फ गाजी शहजाद और मुर्तजा खान उर्फ मूसा गजनवी को दी है।

सूत्रों के मुताबिक गाजी शहजाद कारगिल की लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना में कैप्टन के पद पर तैनात था।साथ ही खुद पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की तरफ से साल 2000 में गाजी शहजाद को वीरता का सर्टिफिकेट भी दिया गया था,जो जूनियर ऑफिसर्स को युद्ध के दौरान लड़ने के लिए पाकिस्तान में दिया जाता है।

इतना ही नहीं गाजी शहजाद पीओके में लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख कमांडर भी रह चुका है।गाजी शहजाद पीओके के सुधनोति जिले का रहने वाला है।इसके अलावा 1 जून को जो तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर ने चिट्ठी जारी की वो रावलाकोट के ही रहने वाले लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व कमांडर मुर्तजा खान उर्फ मूसा गजनवी ने जारी की थी और फिलहाल टीटीके का कामकाज इन्हीं दोनों आतंकियों को सौंपा गया है।

गाजी शहजाद की बात करें तो इसने पाकिस्तानी सेना से रिटायरमेंट के बाद 2001 में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया था और 2007 में एल‌ईटी ने इसे भारत में हमला करने भेजा था, लेकिन घुसपैठ के बाद गाजी शहजाद को गिरफ्तार कर लिया गया।जेल में रखने के बाद सजा पूरी होने के बाद गाजी शहजाद को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था।

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान जाकर गाजी शहजाद ने पहले पीओके में चुनाव लड़ा और फिर हाफिज सईद के आदेश पर तहरीक-ए-तवासुर नाम का एक भारत विरोधी आतंकी संगठन बनाया और पीओके में लश्कर का काम जारी रखा। यह आतंकी संगठन भी द रजिस्टेंस फ्रंट की तरह ही लश्कर-ए-तैयबा का ऑफशूट संगठन था।

हालांकि एफ‌एटीएफ की ग्रे लिस्ट से हटाने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने हाफिज सईद,जकी उर रहमान लखवी की तरह ही गाजी शहजाद को 2023 में गिरफ्तार कर लिया था और रावलाकोट की जेल में बंद कर दिया था,लेकिन पिछले साल जुलाई में रावलाकोट जेल से गाजी शहजाद और उसके 19 साथियों को पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने भगा दिया था।

इसी तरह गाजी शहजाद ने भी 2000 के दशक में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन की थी और साल 2011 से इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर का प्रोपेगंडा फैलाने की थी और इस समय भी आतंकी कश्मीर में लश्कर का प्रोपेगंडा प्रमुख था,जिसका काम सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लश्कर-ए-तैयबा का जिहाद युवाओं का फैला कर पीओके के युवाओं को लश्कर के ट्रेनिंग कैंप तक लाया जाए,लेकिन अब खुफिया सुत्रों के मुताबिक गाजी शहजाद को तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर के नाम से पीओके में भारत के खिलाफ आतंक का प्रोपेगंडा फैलाने का आदेश मिला है।

सूत्रों के मुताबिक पीओके के रावलाकोट में आईएसआई का CAD (Covert Action Division)स्थित है,जिसकी मदद से पहले गाजी शहजाद को पिछले साल जेल से भगाया गया और अब आईएसआई और पाकिस्तानी सेना गाजी शहजाद और मूसा गजनवी को TTK को चलाने की जिम्मेदारी दी है। TTK के इस तरह से पैदा होने के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के काउंटर टेररिज्म के एक्सपर्ट्स भी इस बात पर मुहर लगा रहे हैं कि तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर पाकिस्तानी सेना के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की नीति का हिस्सा है।

काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट और यूरोपियन फॉउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक जुनैद कुरैशी के मुताबिक जिस तरह से पाकिस्तान पहलगाम हमले के बाद से पूरी दुनिया में एक्सपोज हो गया था और पूरी दुनिया ने न सिर्फ माना था कि भारत में आतंकी हमले पाकिस्तान की धरती से हो रहे हैं बल्कि भारत की कार्रवाई को समर्थन दिया था,ऐसे में पाकिस्तानी सेना ने इस नए आतंकी संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर दिया,ताकि पाकिस्तान दुनिया के सामने इस आतंकी संगठन से दूरी बना सके और क्योंकि नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से मिलता जुलता है,ऐसे में पाकिस्तान पूरी दुनिया में ढिंढोरा पीट सकता है कि वो खुद TTP टीटीपी से पीड़ित है ऐसे में टीटीके से उसका कोई लेना देना नहीं है और खुद की आतंक से पीड़ित इमेज पाकिस्तान पूरे विश्व में फैला सके।

पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड मेजर आदिल राजा के मुताबिक यह पाकिस्तान की दशकों पुरानी नीति का हिस्सा है कि जब सेना ने पहले अफगान तालिबान बनाया,फिर लश्कर बनाया, फिर जैश और अब पंजाबी तालिबान,इसलिए पाकिस्तान आज ग्लोबल टेरर इंडेक्स में दूसरे स्थान पर है और इसका प्रयोग आसिम मुनीर कश्मीर को दहलाने के लिए करेगा।

तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर नाम के नए आतंकी संगठन ने जिस तरह से अपने आने की चिट्ठी जारी करके उसमें लिखा कि वो मकबूल भट्ट की नीति पर चलेगा और UN रेजोल्यूशन समेत भारत पाकिस्तान के खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुखों की किताब का जिक्र किया, ऐसे में पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड मेजर आदिल राजा के मुताबिक यह चिट्ठी किसी आतंकी संगठन की नहीं बल्कि ध्यान से सेना मुख्यालय से ड्राफ्ट हुई है और ये पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर की नीति का हिस्सा है,जिसमें वो कश्मीर में आतंकवाद अपना नाम आने बिना फैलाना चाहता है।

काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट और EFSAS के निदेशक जुनैद कुरैशी के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना है कि कश्मीर में अब आने वाले दिनों में हमलों की जिम्मेदारी पाकिस्तान TTK से ही दिलवाए जैसा कि FATF से बचने के लिए पाकिस्तान ने TRF और Kashmir Tigers से करवाया था। वैसे TTK का संचालक पाकिस्तानी सेना का पूर्व कैप्टन और लश्कर कमांडर है, यह बात अकेले भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्र नहीं कह रहे बल्कि पीओके की पुलिस ने भी कुछ दिन पहले दावा किया था कि गाजी शहजाद तहरीक-ए-तालिबान का काम कश्मीर में देख रहा है,हालांकि उस समय यह बयान जर्नोश और उसके साथियों के एनकाउंटर को लेकर दिया गया था और तब TTK के गठन का ऐलान नहीं हुआ था और पीओके की पुलिस को सेना की तरफ से जानकारी नहीं मिली थी कि गाजी शहजाद का इस्तेमाल सेना और आईएसआई करने जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर नाम के इस नए संगठन का प्रयोग सिर्फ भारत में आतंकी हमला करवाने के लिए नहीं करेगी बल्कि पीओके में मौजूद अवामी एक्शन कमेटी के नेता जो कश्मीर को पाकिस्तान से अलग करने की मांग करते हैं, उन पर भी आईएएस हमला करवाकर इसी आतंकी संगठन से जिम्मेदारी दिलाएगी ताकि पीओके में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ उठ रही आवाजों को खत्म किया जा सके और उसका इल्जाम भारत पर डाल कर खुद को बचाया जा सके।

जहां पीओके की पाकिस्तानी पुलिस दावा कर रही है कि वो गाजी शहजाद को ढूंढ रही है तो सूत्रों के मुताबिक गाजी शहजाद इस समय पीओके और खैबर पख्तूनख्वा की सीमा पर स्थित आईएसआई के सेफ हाउस में है जहां ना सिर्फ पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उसे सुरक्षा दे रही है बल्कि आसिम मुनीर के अगले ऑपरेशन की तैयारी करवा रही है। इस खबर के बाद हो सकता है कि पाकिस्तान की सेना के आदेश पर कोई दो चेहरे आ जाए और खुद को TTK का प्रमुख मौलाना मकबूल डार है और प्रवक्ता मुफ्ती महबूब बट सोपोर बताने लगे,लेकिन असल में इस नए आतंकी संगठन की कमान सिर्फ और सिर्फ एक व्यक्ति पाकिस्तानी सेना का प्रमुख आसिम मुनीर के पास है।

More news