अहमदाबाद विमान हादसे की रुला देने वाली कहानी,उधर जिंदा लौट रहे थे विश्वास,इधर बेटे को जिंदा जलते देख तड़प रही थी मां:धनंजय सिंह 
अहमदाबाद विमान हादसे की रुला देने वाली कहानी,उधर जिंदा लौट रहे थे विश्वास,इधर बेटे को जिंदा जलते देख तड़प रही थी मां:धनंजय सिंह 

20 Jun 2025 |   58



 

मां इस दुनिया में सबसे शक्तिशाली होती है।जरा सोचिए कि उस मां के दिल पर क्‍या बीत रही होगी जो लाख कोशिशों के बावजूद भी अपने जिगर के टुकड़े को नहीं बचा पाई।जिस मां ने अपने लाल को नौ महीने तक अपने कोख में रखा,फिर जन्म दिया और बड़ा किया,उसी मां को अपने मासूम बेटे को अपनी आंखों के सामने जिंदा जलते हुए देखने को मजबूर होना पड़ा। मां की गोद में जो बच्चा कभी मुस्कुराता था,उस दिन राख बनकर रह गया। 15 साल का आकाश पटनी अब इस दुनिया में नहीं है।अहमदाबाद विमान हादसे में मां सीताबेन ने अपने लाडले को हमेशा के लिए खो दिया है।आकाश अपने परिवार में पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था।

बेटे को बचाने के लिए गुहार लगाती रही मां 

आकाश पटनी न तो विमान में था और न ही बीजे मेडिकल कॉलेज के कंपाउंड में था।आकाश बेचारा तो बस अपनी मां को खाना देने गया था।जब मां सीताबेन खाना खा रही थी, आकाश एक पेड़ के नीचे सोने के लिए चला गया।आकाश अब कभी नहीं जागेगा,जो मां उसे शायद दुलार कर जगाती होगी, मां उस दिन आग के सामने मजबूर हो गई और उसका बेटा हमेशा के लिए सो गया।आकाश का डीएनए भी मैच हो गया और मंगलवार को आकाश का शव परिवार को सौंप दिया गया है।

अहमदाबाद विमान हादसे में यात्री ही नहीं डाक्टर भी आए चपेट में 

अहमदाबाद विमान हादसे की चपेट में यात्री ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग और डाक्टर भी आए।विमान हादसे में जिंदा बचा सिर्फ एक व्यक्ति विश्‍वास कुमार का एक नया वीडियो सामने आया है।इस वायरल वीडियो में विश्‍वास को आग के गोले से बाहर आते हुए देखा जा सकता है।इसी वीडियो में आकाश की मां अपने बच्‍चे को बचाने के लिए चिल्‍ला रही हैं। इस हादसे का जो एक वीडियो सामने आया था उसमें आप साफ देख सकते हैं कि सीताबेन अपने बच्‍चे को बचाने के लिए भागती हुई नजर आ रही हैं।

जख्‍म को भरने में लगेंगे कई साल 

सीताबेन आईपी कंपाउंड में एक चाय की दुकान लगाती हैं। विमान हादसे में सीताबेन का 15 वर्षीय बेटा आकाश पटनी जिंदा जल गया।बेटे को बचाने में सीताबेन बुरी तरह से झुलस गई।आकाश जिस खाट पर सो रहा था,उस पर ही विमान का एक हिस्‍सा गिरा और आकाश खाट समेत जल गया।सीताबेन अस्पताल में भर्ती हैं।पिता सुरेश कुमार को रह-रहकर याद आ रहा है कि उनका बेटा आकाश पढ़ाई में कितना होशियार था,घर का सबसे छोटा होने की वजह से वह सबका प्‍यारा था,घर में सबको उससे बहुत उम्‍मीदें थीं,आंखों आंसू लिए पिता का कहना है कि उनके परिवार को इस जख्‍म से बाहर आने में कई साल लग जाएंगे।

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