बलरामपुर।उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड(एटीएसट)ने धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी रशीद शाह को गिरफ्तार किया है।रशीद छांगुर बाबा गिरोह का सदस्य है।एटीएस ने छांगुर बाबा के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी,उसमें नौ नाम शामिल थे और एक आरोपी अज्ञात था।रशीद का नाम एफआईआर में छठे नम्बर पर है।एटीएस ने छांगुर ऊके बेटे महबूब और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन को पहले गिरफ्तार किया था। इसके बाद पांच जुलाई को छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि रशीद फरार चल रहा था।रशीद बलरामपुर के उतरौला के मधुपुर का रहने वाला है।छांगुर बाबा भी मधपुर गांव का रहने वाला है। रशीद को यूपी एटीएस ने बलरामपुर से गिरफ्तार किया है। अब पुलिस उसे अदालत में पेश कर उसके खिलाफ रिमांड की मांग करेगी।
छांगुर बाबा ने पूछताछ में किए कई खुलासे
देश विरोधी गतिविधियों और धर्म परिवर्तन कराने का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से एटीएस पूछताछ कर रही है। 7 दिनों तक एटीएस ने लगातार छांगुर बाबा से पूछताछ की है। इस पूछताछ में छांगुर बाबा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।विदेश फंडिंग से जुड़े सवाल पर छांगुर बाबा ने कहा कि जो लोग गल्फ कंट्री में नौकरी करते हैं। वह अपने घर वालों को पैसे देने के लिए उसके अकाउंट में पैसे भेजते थे। वह अपना कमीशन काटकर पैसे उनके परिवार के लोगों को दे देता था। वहीं नीतू उर्फ नसरीन के धर्म परिवर्तन पर छांगुर बाबा ने कहा कि नसरीन की बेटी की तबीयत खराब रहती थी। उसने झाड़ फूंक की, उसके बाद वह छांगुर बाबा से प्रभावित हुई और इस्लाम से प्रभावित हुई। छांगुर बाबा के अनुसार नीतू ने खुद ही अपना धर्म परिवर्तन किया है।
क्या है मामला
यह मामला चर्चा में तब आया जब यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया। इसके बाद खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा डेमोग्राफी बदलने की सोच रखता था।यूपी के अलावा महाराष्ट्र,कर्नाटक,तमिलनाडु,बिहार और पश्चिम बंगाल तक छांगुर बाबा का नेटवर्क फैला हुआ था। जांच में पता चला कि छांगुर बाबा को विदेशों खासकर मध्य पूर्व, तुर्की, और पाकिस्तान से करीब 500 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली। उनके और उनके सहयोगियों के 40 से अधिक बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ,जिसमें से कुछ राशि नेपाल के रास्ते आई। छांगुर बाबा एक संगठित नेटवर्क के जरिए हिंदू समुदाय खासकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं और गरीब लोगों को निशाना बनाकर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाता था।