अस्पताल की छत पर मिले पांच सौ लावारिस शव,कई अंग गायब,मानव अंग तस्करी की आशंका,छह सदस्यीय जांच टीम गठित
अस्पताल की छत पर मिले पांच सौ लावारिस शव,कई अंग गायब,मानव अंग तस्करी की आशंका,छह सदस्यीय जांच टीम गठित

14 Oct 2022 |  663






इस्लामाबाद।पंजाब प्रांत के एक अस्पताल की छत पर पांच सौ लावारिश शव मिलने से हड़कंप मच गया है।इन शवों के कई अंग गायब होने से मानव अंग तस्करी की आशंका जताई जा रही है।सरकार ने इसकी जांच के लिए छह लोगों की जांच टीम गठित की है,ताकि पूरे मामले की जांच की जा सके। बलूच नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मामले की जांच कराने की अपील की है।

पंजाब प्रांत के मुल्तान में निश्तार अस्पताल की छत पर पांच सौ शव क्षत-विक्षत हालत में पड़े मिले हैं।इन शवों की जांच पड़ताल की गयी तो पता चला कि कई अंग गायब हैं।सभी शवों की छाती को बीच से काट कर चीर फाड़ की गयी है।
इसलिए अवैध तरीके से मानव अंगों की तस्करी का व्यापार किए जाने की आशंका है।माना जा रहा है कि किडनी, लिवर, हृदय आदि अंग निकालकर शव अस्पताल की छत पर फेंक दिए गए हैं।

इस संबंध में जानकारी मिलने पर पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के सलाहकार चौधरी जमां गुर्जर ने अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल की छत पर पांच सौ शव देखकर वे चौंक गए। गुर्जर ने सभी शवों का अंतिम संस्कार सुनिश्चित करने का आदेश दिया और साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मामले की गहन जांच कर इन स्थितियों के लिए दोषी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।सरकार की सख्ती के बाद दक्षिण पंजाब के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच के लिए छह सदस्यों की एक टीम गठित की है।टीम मामले की जांच पड़ताल कर शासन को अपनी रिपोर्ट देगी।

ये अस्पताल पंजाब प्रांत की निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध है। अस्पताल के एक छात्र ने दावा किया कि वे लोग इन शवों की मदद से चिकित्सकीय प्रयोग कर रहे थे।शवों का पूरा प्रयोग और विच्छेदन आदि पहले ही किया जा चुका था। अब उन शवों से हड्डियां और खोपड़ी निकालने के लिए अस्पताल की छत पर रखा गया था।जांच टीम इन सभी पहलुओं की भी जांच करेगी। उधर पाकिस्तान में अलग बलूचिस्तान की मांग को लेकर आंदोलित बलूच नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मामले की जांच कराने की मांग की है। बलूच नेताओं का कहना है कि जो शव अस्पताल की छत पर मिले हैं, इनमें से अधिकांश उन लोगों के हैं, जो लंबे समय से गायब बताए जा रहे थे।

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