मुहर्रम पर हर साल प्रशासन राजा भ‌इया के पिता उदय प्रताप सिंह को कर देता है नजरबंद
मुहर्रम पर हर साल प्रशासन राजा भ‌इया के पिता उदय प्रताप सिंह को कर देता है नजरबंद

29 Jul 2023 |  148



ब्यूरो देवी शरण मिश्रा


प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश में बड़के जिले में शुमार प्रतापगढ़ के कुंडा विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिर्फ उर्फ राजा भ‌इया के पिता भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं।शुक्रवार रात प्रशासन ने उदय प्रताप सिंह को नजरबंद कर दिया है।उदय प्रताप सिंह को नजरबंद करने की वजह मुहर्रम का त्योहार है।

कुंडा क्षेत्र में हाईवे पर बसा शेखपुर आशिक गांव मुहर्रम को लेकर सुर्खियों में रहता है।एक तरफ जहां मुस्लिम समाज के लोग ताजिया निकालते हैं।उसी दिन राजा उदय प्रताप सिंह हाईवे के पास स्थित एक मंदिर में भंडारा कराने और प्रसाद वितरण की मांग लेकर अड़ जाते हैं।मुहर्रम का कार्यक्रम 10 दिनों तक चलता है। इसके बाद ताजिये को 10वें दिन मुस्लिम समुदाय के लोग दफन करते हैं। इसी दिन मातम भी मनाया जाता है। इसी दिन राजा उदय प्रताप सिंह एक मंदिर पर भंडारे और प्रसाद वितरण करने की मांग करने लगते हैं। ऐसे में दोनों पक्षों के बीच विवाद न हो।इसलिए हर साल उदय प्रताप सिंह को प्रशासन नजरबंद कर देता है। उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोगों को नजरबंद किया गया है। इनमें जितेंद्र सिंह, आनंदपाल, रमाशंकर मिश्र, भवानी विश्वकर्मा, रवि सिंह, हनुमान प्रसाद पांडेय, केसरी नंदन पांडेय, जमुना मौर्या, निर्भय सिंह, गया प्रसाद प्रजापति, मोहनलाल और जुगनू विश्वकर्मा शामिल हैं। सभी शुक्रवार की शाम 5:30 से आज शनिवार रात 9:30 बजे तक पुलिस की निगरानी में रहेंगे।नजरबंद लोगों के घरों पर पुलिस फोर्स तैनात है।शेखपुर आशिक में मोहर्रम रूट को चार सेक्टर में बांटा गया है। चार इंस्पेक्टर, आठ उपनिरीक्षक, 65 सिपाही, एक प्लाटून पीएसी लगाई गई है।तीन किमी तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है।

राजा उदय प्रताप सिंह ताजिये के 10वें दिन ही ऐसा क्यों करते हैं।यह सवाल आपके भी मन में उठ रहा होगा।बात 2012 की है, जब शेखपुर गांव में सड़क के किनारे एक बंदर की मौत हो गई थी। इसके बाद वहां ग्रामीणों ने एक हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया। वहां हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाने लगा।हिंदू समाज बंदर को पूज्य मानता है।इसका आयोजन राजा उदय प्रताप सिंह करवाते थे। यह भंडारा मुहर्रम के दिन ही होता था। 2013 और 2014 में दो साल भंडारा और मुहर्रम का जुलूस साथ निकला। 2015 के मुहर्रम पर मुस्लिम समुदाय ने हनुमान मंदिर पर भंडारे और झंडे का विरोध करते हुए अपनी ताजिया नहीं उठाई और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद मामला पुलिस-प्रशासन तक पहुंच गया।मुहर्रम के दसवीं के अगले दिन तत्कालीन डीएम और एसपी ने मामले को शांत कराते हुए ताजिया को दफन कराया।

2016 में शेखपुर में तनाव की स्थिति हो गई,क्योंकि जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारे करने की अनुमति नहीं दी थी। हनुमान मंदिर पर भंडारे को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया, लेकिन कोर्ट ने डीएम को अपने विवेक से निर्णय के लिए निर्देशित किया। इसके बाद से राजा उदय प्रताप सिंह को हर बार मुहर्रम के मौके पर नजरबंद कर देता है। इस तरह 2016 से 2023 के बीच राजा उदय प्रताप सिंह को 6 बार नजरबंद गया है। हर बार पुलिस की मौजदगी में ही मुहर्रम का जुलूस संपन्‍न कराया जाता है।पिछले साल प्रशासन द्वारा नजरबंद करने पर राजा उदय प्रताप सिंह ने अपने समर्थकों के साथ कुंडा तहसील में अपनी मांग लेकर धरने पर बैठ गए थे।

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