
नई दिल्ली।देश का बहुचर्चित उत्तर प्रदेश का कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को कारागार विभाग द्वारा रिहाई का आदेश जारी कर दिया गया है।इस कानूनी लड़ाई में सबसे आगे मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला रहीं। निधि ने कहा कि उन्होंने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि और उनकी पत्नी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बता दें कि इस समय अमरमणि और उनकी पत्नी दोनों गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में हैं।
न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आपसे सहमत होंगे तो वापस जेल भेज देंगे।
मधुमिता की बहन निधि शुक्ला की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दोषी अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि की समय से पूर्व की गई रिहाई का विरोध किया गया है।इसके अलावा याचिका में कई और दलील दी गई हैं,जिसमें कहा गया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अन्य मामलों मे दिए गए आदेशों का हवाला देकर गलत तरीके से अपनी रिहाई के लिए आधार तैयार किया है।
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की लक्ष्मीपुर विधानसभा से विधायक रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पाया गया था,जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।इस मामले के 20 साल बाद अमरमणि त्रिपाठी को अच्छे आचरण की वजह से उनकी बाकी की सजा को माफ कर दिया गया है।
राजधानी लखनऊ के निशातगंज की पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले पर सियासत गरमाने के बाद हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।जांच के दौरान अमरमणि पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मामले को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट किया गया।
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