
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के बड़के जिले प्रतापगढ़ की बड़की विधानसभा कुंडा से विधायक जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया का व्यक्तित्व, व्यवहार और आचरण का आकलन क्षेत्रीय लोगों के मन को बगैर जाने नही किया जा सकता है।क्षेत्रीय लोगों के मन को टटोला जाए तो राजा भइया सनातन धर्म में पूरी आस्था रखते है और मानव सेवा,जन सेवा को सबसे पहले प्राथमिकता देते हैं।
उत्तर प्रदेश की सियासत में सक्रिय भूमिका निभाने वाले भदरी रियासत के राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया रोज आध्यात्मिक ग्रंथो का अध्यन करते हैं।राजा भइया अनेकों जनकल्याणकारी संस्थाओं का सहयोग कर धार्मिक ग्रंथो से प्राप्त ज्ञान को सार्थक कर रहे हैं।इससे राजा भइया की व्यक्तिगत लोकप्रियता बड़ी तेजी से बढ़ रही है।राजा भइया की बढ़ती हुई लोकप्रियता बहुत लोगों के लिए चुनौती बन गई है।इसमें कोई शक नहीं है।एक ऐसा मतभेद जो वैचारिक और पारिवारिक हो, जिसको बहुत ही धैर्यतापूर्वक सुलझाने का प्रयास किया जा रहा हो,जिसके निराकरण हेतु परिवार के सभी सदस्य सहयोग भी कर रहें हो, उस मतभेद को अचानक से सार्वजनिक रूप से प्रसारित करना या करवाना सोची समझी साजिश का हिस्सा है या राजा भइया की आध्यात्मिक,सामाजिक और बढ़ती हुई राजनीतिक लोकप्रियता को धूमिल करने का प्रयास भी हो सकता है।अतः जब किसी व्यक्ति का सामाजिक स्तर बहुत ही वृहद एवम सम्माननीय स्थिति में हो तो विरोधी भी उस स्तर को गिराने का हर संभव प्रयास करते हैं।यह भी विचारणीय है।
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को उत्तर प्रदेश के बड़के जिले प्रतापगढ़ के भदरी राजघराने में हुआ था।राजा भइया के पिता का नाम उदय प्रताप सिंह और माता का नाम मंजुल राजे है।राजा भइया के दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमांचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं।राजा भइया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पादाधिकारी रह चुके हैं।
राजा भइया अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य थे,जिन्होंने पहली बार राजनीति में कदम रखा।राजा भइया ने 1993 में पहली बार कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े और विधायक बने।राजा भइया ने पहला चुनाव 26 साल की उम्र में लड़ा था। राजा भइया लगातार 1996, 2002, 2007, 2012,2017 और 2022 में कुंडा से जीत का सिलसिला जारी रखा। राजा भइया कल्याण सिंह सरकार और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री बने।लगातार निर्दलीय चुनाव जीतने वाले राजा भइया ने 2018 में जनता दल लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया। 2022 का चुनाव राजा भइया ने अपनी पार्टी से लड़ा और फिर जीत हासिल की।राजा भइया 2022 विधानसभा चुनाव जीतने के साथ ही लगातार सातवीं बार विधायक बने।
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