लोकसभा चुनाव:यूपी की कौन सी 10 सीटें भाजपा के लिए चुनौती,जो तोड़ सकती हैं मिशन-80 का सपना
लोकसभा चुनाव:यूपी की कौन सी 10 सीटें भाजपा के लिए चुनौती,जो तोड़ सकती हैं मिशन-80 का सपना

15 Mar 2024 |  49




नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में 370 सीटों का टारगेट रखा है।जबकि एनडीए के लिए कुल 400 सीटों का लक्ष्य तय किया है।लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश काफी महत्वपूर्ण राज्य है।कहा जाता है कि जो यूपी जीतता है,वही देश जीतता है।इस बार भाजपा ने यूपी में शत प्रतिशत सीटें लाने की बात कही है।इसे मिशन 80 नाम दिया गया है।

राह में बनीं 10 सीटें रोड़ा

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 62 सीटों पर जीत का परचम फहराया था।तब कई सीटें ऐसी थीं जहां पर एनडीए अपने जीत का परचम नहीं फहरा पाया था।इस बार भी भाजपा के लिए कम चुनौती नहीं है। लगभग 10 सीटें ऐसी हैं जहां पर एनडीए की राह बहुत मुश्किल है।माना जा रहा है कि एनडीए ये 10 सीटें जीत गया तो मिशन 80 का सपना पूरा हो सकता है।

1. बलिया से भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वीरेंद सिंह ने सपा के सनातन पांडे को 15,519 वोटों से हराया था।ये मार्जिन काफी छोटा है।इस लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं।इनमें से 3 पर सपा का कब्जा है।एक पर सुभसपा के प्रमुख ओपी राजभर विधायक हैं।

2. मैनपुरी सीट सपा का गढ़ रही है।पहले यहां से सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव सांसद हुआ करते थे। मुलायम के निधन के बाद डिंपल यादव यहां से सांसद बनीं।डिंपल ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को 2.88 लोख वोटों से हराया था।डिंपल फिर इस सीट से प्रत्याशी हैं।

3. रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है।पहले यहां से इंदिरा गांधी लोकसभा जाया करती थीं।इसके बाद सोनिया गांधी इस सीट से 5 बार सांसद रहीं।अब सोनिया गांधी राज्यसभा जा चुकी हैं।इस सीट से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती हैं।

4. मछली शहर सीट को भाजपा ने 2019 में बेहद छोटे मार्जिन से चुनाव जीता था।भाजपा के बीपी सरोज ने इस सीट पर महज 181 वोटों से चुनाव जीता था। बसपा के त्रिभुवन राम इस सीट पर दूसरे स्थान पर रहे।

5. फिरोजाबाद सपा की परंपरागत सीट रही है। 2019 में शिवपाल सपा से अलग होकर यहां से चुनाव लड़ा था।इस सीट पर हार-जीत का अंतर 28781 वोटों का ही रहा।भाजपा के डॉ. चंद्र सेन जादौन ने यहां से जीत दर्ज की थी।

6. कन्नौज सीट से पिछली बार अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 12353 वोटों से चुनाव हार गई थीं।यहां से सुब्रत पाठक जीते थे।तब शिवपाल यादव सपा से अलग हुआ करते थे।इस बार इस सीट पर सपा भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है।

7. आजमगढ़ सीट से सपा कई बार जीत चुकी है,लेकिन 2019 में यहां से भाजपा ने भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव (निरहुआ) को टिकट दिया और वे चुनाव जीत गए।इस बार इस सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ते हैं तो चुनौती पेश कर सकते हैं।

8.मेरठ सीट से 2019 में भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने जीत दर्ज की,लेकिन बसपा के हाजी याकूब केवल 4729 वोटों से ही हारे थे।बीते तीन चुनाव से यहां की जनता अलग-अलग पार्टियों को जितवा रही है।

9. बदायूं सीट भी सपा का मजबूत किला मानी जाती थी। 1996 से 2014 तक यहां से सपा जीत रही है,लेकिन 2019 में भाजपा के संघमित्रा मौर्य ने यहां से जीत दर्ज की।इस बार सपा ने यहां से शिवपाल यादव को उतारा है।क्षेत्र की 5 विधानसभा सीटों में से 3 पर सपा का कब्जा है और 2 पर भाजपा का है।

10. अमेठी देश की सबसे हॉट सीटों में से एक है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने बड़ा उलटफेर करते हुए राहुल गांधी को हराया था। स्मृति 55120 वोटों से जीती थीं। 1999 से 2014 तक कांग्रेस यहां से लगातार जीत रही थी। इस बार राहुल गांधी यहां से प्रत्याशी होंगे तो भाजपा से कड़ा मुकाबला होगा।

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