काशी की गंदगी से गांधी जी भी हुए थे नाराज, 105 सालों के बाद बदलने वाली है काशी की तस्वीर
काशी की गंदगी से गांधी जी भी हुए थे नाराज, 105 सालों के बाद बदलने वाली है काशी की तसवीर


04 Dec 2021 |  88



धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी

वाराणासी।आध्यात्मिक नगरी काशी की पूरे विश्व में छटा विखरी हुई है।पूरे विश्व में अब काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर स्वच्छता की आदर्श छवि पेश करने जा रहा है।बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ धाम की अद्भुत तसवीर देखने को मिलेगी।काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर महात्मा गांधी ने भी अपने अनुभव को साझा किया था।

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को 4 फरवरी 1916 को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उद्धाटन सत्र को संबोधित करना था।एक दिन पहले गांधी जी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने गए थे।इससे पहले 1903 में भी वो काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आए थे।

गाँधी जी 1916 को बीएचयू में अपने संबोधन में कहा था कि काशी जैसी भव्य जगह में गंदगी और अव्यवस्था का अंबार देखकर मन खिन्न होना स्वभाविक है। इस महान मंदिर में कोई अजनबी आए तो हिंदुओं के बारे में उसकी क्या सोच होगी और तब जब वो हमारी निंदा करेगा, क्या वो जायज नहीं होगा,क्या इस मंदिर की हालत हमारे चरित्र को प्रतिबिंबित नहीं करता,एक हिंदू होने के नाते मैं जो महसूस करता हूं, वही कह रहा हूं।

गांधी जी ने कहा था कि अगर हमारे मंदिरों की हालत आदर्श नहीं हैं तो फिर अपने स्व-शासन के मॉडल को हम कैसे गलतियों से बचा पाएंगे। जब अपनी खुशी से या बाध्य होकर अंग्रेज यहां से चले जाएंगे तो इसकी क्या गारंटी है कि हमारे मंदिर एकाएक पवित्रता, स्वच्छता और शांति के प्रतिरूप बन जाएंगे।13 साल बाद भी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र की तंग गलियों में गंदगी देख वो बुरी तरह नाराज हुए थे।गांधी जी की नाराजगी अगले दिन बीएचयू में सार्वजनिक हुई थी।

गांधी जी की पीड़ा को वाराणासी सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाखूबी समझा और गांधी जी पीड़ा को खत्म करने का काम किया है।काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की एक अलौकिक छवि पर्यटकों के मन और मस्तिष्क में स्थापित होगी। बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी को धर्म और आध्यात्म की नगरी कहा जाता है। यहां पर आने वाले लोगों में काशी की पहचान एक धार्मिक दृश्य के रूप में बनी है।काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही 105 साल पहले महात्मा गांधी की नाराजगी दूर होने जा रही है.

आपको बता दें कि 54,000 वर्गफीट क्षेत्रफल में बनाए गए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के साफ-सफाई की अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है। इस वजह से धाम क्षेत्र और उसके आसपास दूर-दूर तक गंदगी नहीं होगी।

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