
अयोध्या।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रामनगरी अयोध्या में बड़ा बयान दिया है।उनके इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में पर चर्चा तेज हो गई है।दरअसल सीएम योगी ने कहा है कि मेरी तीन पीढ़ियां श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के लिए समर्पित थीं,हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं, श्रीराम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ेगी तो कोई समस्या नहीं है।
5 घंटे रामनगरी में रहे सीएम
दरअसल आज सीएम योगी ने रामनगरी अयोध्या का दौरा किया।इस दौरान सीएम ने रामलला के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की।इसके अलावा हनुमानगढ़ी में भी बजरंगबली का दर्शन किए।सीएम का रामनगरी में लगभग 5 घंटे का कार्यक्रम था,जिसमें समीक्षा बैठक और अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा शामिल थी।
कैसे भी अयोध्या को उसकी पहचान मिले
इसी दौरान सीएम योगी ने कहा कि हमने साल 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन को आगे बढ़ाया था, उस दौरान हमारे मन में एक ही बात थी कैसे भी अयोध्या को उसकी पहचान मिले।अयोध्या को वह सम्मान मिले जिसका वह हकदार है। अब आप देख रहे होंगे दिवाली के एक दिन पूर्व अयोध्या में दीपोत्सव एक त्योहार बन गया है।
सनातन धर्म की प्रेरणा स्थली रही है अयोध्या
सीएम योगी ने कहा कि इतने सालों तक अयोध्या मौन रही, जबकि सत्य ये है कि जिसने राम पर लिखा वह महान हुआ, महर्षि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को प्रेरणा दी कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वो केवल राम हैं, राम पर लिखोगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी। सीएम ने कहा कि अयोध्या भारत के सनातन धर्म की एक आधारभूमि है, सप्तपुरियों में प्रथम पुरी है,सनातन काल से ही सनातन धर्म की प्रेरणा स्थली रही है।
मानव धर्म की शुरुआती भूमि है अयोध्या
सीएम योगी ने कहा कि भगवान ऋषभदेव से चली परंपरा, जिसके तहत भगवान मनु ने धरती पर इंसान के रहने की व्यवस्था तय की,जिसे मानव धर्म कह सकते हैं,उसकी शुरुआती भूमि ही अयोध्या है। सीएम ने कहा कि व्यावहारिक संस्कृति पर दुनिया का पहला महाकाव्य रामायण बना,जो साहित्य का आधार है,व्यावहारिक संस्कृति से कैसे अपनी लेखनी को धन्य करना है, यह सीखना है तो महर्षि वाल्मीकि के शरण में जाएं,उन्होंने राम को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना की, उससे पहले उस तरह का महाकाव्य किसी ने नहीं रचा।
सत्ता भी गंवानी पड़े तो कोई समस्या नहीं
सीएम योगी ने कहा कि मेरी तीन पीढ़ियां राम मंदिर के आंदोलन के लिए समर्पित हैं,मुझे कोई समस्या नहीं है,लेकिन शासकीय व्यवस्था नौकरशाही से जकड़ी होती है, उस नौकरशाही में एक बड़ा वर्ग ऐसा था कि जो कहता था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद खड़ा हो जाता है। फिर हमने कहा कि विवाद खड़ा होता है तो होने दीजिए, अयोध्या के लिए कुछ सोचने की आवश्यकता है। फिर एक वर्ग ऐसा था कि जिसने कहा कि आप जाएंगे तो राम मंदिर की बात होगी तो मैंने कहा कौन-सा हम सत्ता के लिए आए हैं अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़े तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
सीएम ने संतों से की मुलाकात,पूछा कुशलक्षेम
सीएम योगी ने हनुमानगढ़ी में संतों से भी मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना।यहां सीएम ने सबसे पहले गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज जी महाराज से मिले।इसके बाद अन्य संतों से भी मिले और उनका हालचाल जाना।
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