
अयोध्या।कहते हैं जब भगवान भक्त को बुलाते हैं तो भक्त दौड़े चले आते हैं।ये कहावत गुजरात के दो भक्तों पर चरीतार्थ हो रही है।इन दोनों भक्तों ने गुजरात से राम नगरी का सफर दौड़ लगाते हुए रामलला का दर्शन करने के लिए पहुंचे। दोनों भक्तों ने एक दिन में 60 किलोमीटर की दौड़ लगाई और 24 दिन में ये सफर पूरा कर लिया।इन दोनों भक्तों का नाम उज्ज्वल ड्रोडिया और संजय शुक्ला है। दोनों भक्तों ने इसका नाम रामाथन यात्रा रखा।
27 वर्षीय उज्ज्वल ड्रोडिया और 33 वर्षीय संजय शुक्ला गुजरात के वापी जिले से 1500 किलोमीटर का सफर तय करते हुए राम नगरी पहुंचे और रामलाला का दर्शन किया।दोनों रोज 60 किलोमीटर की दौड़ लगाते थे और जहां 60 किलोमीटर दौड़ पूरी हो जाती थी वहीं आराम करने के बाद फिर रामाथन यात्रा शुरू होती थी। उज्जवल ड्रोडिया और संजय शुक्ला ने अपनी इस यात्रा को 22 जनवरी को शुरू की थी। दोनों 15 फरवरी को राम नगरी पहुंचे।राम नगरी के स्पोर्ट्स स्टेडियम में दोनों का स्वागत हुआ।
उज्जवल ड्रोडिया और संजय शुक्ला ने बताया कि सनातन धर्म से जुड़ी हमारी आस्था हमें भगवान राम की नगरी की ओर खींच लाई।उज्जवल ने बताया कि मैं और संजय शुक्ला पहले से मैराथन दौड़ में शामिल होते रहे हैं। लगातार 12 घंटे की मैराथन दौड़ में मैंने पहला स्थान हासिल किया था। इस तरह सालों से दौड़ लगाते आये हैं। इसलिए मन में एक इच्छा थी कि अयोध्या राम मंदिर दौड़ लगाते हुए जाना है,क्योंकि सभी ट्रेन,बस या अपनी कार से जाते हैं,लेकिन हमारा कुछ अलग करने का मन था।इस विषय में हमने संजय शुक्ला से बातचीत की और करीब 8-9 महीने पहले ही अपना प्लान तैयार कर लिया था।
उज्जवल ने बताया कि दौड़ना हमारा पैशन है, इसलिए हम अपना पैशन फॉलो करते हुए दर्शन करने जाना जाते थे। इस नाते ही हमने प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के दिन 22 जनवरी को ही अपनी दौड़ वापी से शुरू की थी। हर दिन 60 किमी. दौड़ने का लक्ष्य रखा था,लेकिन कहीं-कहीं रास्ता खराब होने के कारण ज्यादा दूरी भी तय करनी पड़ जाती थी। बता दें कि उज्जवल ड्रोडिया और संजय शुक्ला के साथ एक कार भी चल रही थी।कार में उज्जवल की मम्मी और संजय शुक्ला की पत्नी थी,जो दोनों को नाश्ता,खाना और बाकी सुविधाएं उपलब्ध करा रही थीं।
|