अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में हर सांस में प्रभु राम बसते हैं, रामनगरी की सुबह सूरज निकलने से नहीं होती है,बल्कि असली सुबह तब होती है,जब हनुमानगढ़ी के शिखर से महाबली बजरंगबली के भजनों की गूंज होती है,प्रतिदिन भोर में तीन बजे जब पूरी रामनगरी नींद में होती है,तब महाबली बजरंगबली के जागरण का अलौकिक समय शुरू हो जाता है।
हनुमानगढ़ी वह सिद्ध पीठ है जो सिर्फ ईंट-पत्थर से नहीं बनी, बल्कि आस्था,भक्ति और परंपरा की आत्मा से जीवंत है। 1940 से निरंतर चल रही ये परंपरा बताती है कि महाबली बजरंगबली को रामनगरी में सबसे पहले जगाया जाता है और उसके बाद ही मंदिरों में आरती और पूजन शुरू होता है।भोर में तीन बजे जैसे ही मंदिर के शिखर से महाबली बजरंगबली गुणगान के स्वर गूंजते हैं, वैसे ही एक आध्यात्मिक तरंग पूरे रामनगरी को जागृत कर देती है।कहा जाता है कि रामनगरी में सुबह महाबली बजरंगबली जी से होती है,सूरज से नहीं।
ब्रह्म मुहूर्त में बजरंगबली का स्मरण
पुजारी भजनों की स्वर-लहरियों के साथ जागरण शुरू करते हैं और फिर पूरे रामनगरी के मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं,शंखनाद होता है और भक्ति की ऊर्जा हर दिशा में फैल जाती है,छह पुजारियों की विशेष टीम इस दिव्य जागरण का संचालन करती है, पुजारियों का मानना है कि ब्रह्म मुहूर्त में जब देव शक्तियां जाग्रत होती हैं,उस समय बजरंगबली का स्मरण करना अत्यंत फलदायी होता है।
रामनगरी की आत्मा बजरंगबली के भजनों से जग चुकी होती है
बता दें कि महाबली बजरंगबली की दिव्य उपस्थिति रामनगरी अयोध्या के वातावरण को सात्विक ऊर्जा से भर देती है। सुबह चार बजे रामलला के दरबार में मंगला आरती होती है,तो उससे पहले ही रामनगरी की आत्मा महाबली बजरंगबली के भजनों से जग चुकी होती है,प्रभु श्रीराम के भक्त बजरंगबली को प्रभु श्रीराम से पहले जगाया जाना यह बताता है कि रामकथा की हर सुबह भी बजरंगबली से शुरू होती है।
रामनगरी में सुबह बजरंगबली से होती है शुरू
बता दें कि जब तक महाबली बजरंगबली नहीं जागते तब तक रामनगरी की सुबह अधूरी रहती है।यही वजह है कि हनुमानगढ़ी के भजनों की गूंज केवल मंदिर की सीमा तक नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के हृदय तक जाती है।जब भी आप रामनगरी आएं सुबह तीन बजे उठिए और हनुमानगढ़ी की तरफ चल दीजिए,वहां की सुबह सिर्फ देखी नहीं जाती, बल्कि उसे आत्मा से महसूस किया जाता है और जब आप उस पावन गुणगान का हिस्सा बनते हैं, तब आप समझ पाते हैं कि रामनगरी में सुबह महाबली बजरंगबली जी से होती है,सूरज से नहीं।