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यूपी पुलिस में जाति सियासत,अखिलेश यादव बार-बार लगा रहे हैं आरोप,अब कौशांबी को लेकर सवाल
यूपी पुलिस में जाति सियासत,अखिलेश यादव बार-बार लगा रहे हैं आरोप,अब कौशांबी को लेकर सवाल

05 May 2025 |   70



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बीते कई दिनों से दावा कर रहे हैं कि यूपी पुलिस में जातियों के आधार पर तैनाती मिल रही है।साथ ही यह भी आरोप लगाया था कि आगरा,मैनपुरी और चित्रकूट में अधिकतर थानों में ठाकुर थानेदार तैनात हैं।अब अखिलेश यादव ने एक बार फिर कौशाम्बी जिले को लेकर मुद्दा उठाया है।अखिलेश ने ट्रांसफर पोस्टिंग में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है। अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर यह आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव का आरोप

अखिलेश यादव ने दावा किया है कि कौशांबी जिले में एसएचओ और एसओ की कुल 15 तैनाती है,जिसमें से 7 क्षत्रिय हैं,तीन अन्य सामान्य जाति के हैं और केवल 5 पीडीए से हैं।अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर कौशांबी पुलिस ने प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश के दावों का खंडन किया है।

कौशांबी पुलिस ने अखिलेश के आरोपों का किया खंडन

कौशांबी पुलिस ने अपने खंडन में कहा कि जिले में कुल 16 थाने हैं।सभी थानों में शासनादेश के क्रम में सभी वर्गों से एसएचओ और एसओ पद पर नियुक्त हैं,सामान्य जाति के 8, पिछड़ी जाति के 4, अनुसूचित जाति के 4 एसएचओ और एसओ नियुक्त हैं,जाति विशेष के 7 थाना प्रभारियों की नियुक्त किए जाने की बात असत्य है।

65 फीसदी पदों पर आरक्षित हैं पुलिसकर्मी

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कुल 301,289 पुलिकर्मी हैं,इसमें से आरक्षित वर्ग आने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 1 लाख 95 हजार 272 है। मौजूदा संख्या के आधार पर आरक्षण देखें तो कुल कर्मियों के 65 फीसदी पद आरक्षित हैं।वहीं स्वीकृत आरक्षण 50 फीसदी है।सपा के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन से मिलने के लिए बीते 19 अप्रैल को आगरा पहुंचे अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि आगरा के विभिन्न थानों में कुल 48 थानेदार तैनात हैं, जिनमें से 15 पीडीए और बाकी सिंह भाई लोग हैं।

डीजीपी ने दिया था जवाब

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एसएचओ की नियुक्तियां सरकारी आदेश के अनुसार की जा रही हैं।सोशल मीडिया पर कुछ खबरें हैं, जिसमें एसएचओ की संख्या गलत बताई गई,यह पूरी तरह गलत है,संबंधित जिलों की तरफ से स्पष्टीकरण दिया जा चुका है।

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