लखनऊ।सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का समाजवादी पार्टी के बजाय बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन से अधिक फायदा होने के बयान ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।कांग्रेस और सपा के साथ बसपा के नेता भी इमरान मसूद के बयान के सियासी निहितार्थ तलाशने में जुट गए हैं। बता दें कि इमरान मसूद आजकल बेबाक तरीके से बोले रहे हैं। इमरान मसूद का बोलना सपा के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है,क्योंकि कांग्रेस ने अब यूपी में अपने आप को मजबूत करने के लिए नया प्लान तैयार कर लिया है।
कहीं बदलने वाला तो नहीं कांग्रेस का खेल
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कहते हैं कि कांग्रेस के साथ उनका सब कुछ ठीक चल रहा है,लेकिन जिस तरह कांग्रेस सांसद इमरान मसूद लगातार गठबंधन को लेकर बयान दे रहे हैं,उससे यही लगता है कि कुछ ठीक नहीं चल रहा है।कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के की सपा की बातें मानने वाली नहीं है।सियासी तौर से देखा जाए तो इमरान मसूद बिना कांग्रेस की हरी झंडी के इतने तल्ख बयान नहीं दे सकते हैं,वह भी तब जब कांग्रेस हाई कमान कि वह सीधे टच में हैं।
कांग्रेस ले सकती है बसपा का साथ
कांग्रेस और सपा नेताओं के बीच अक्सर बयानबाजी से गठबंधन खत्म होने का कयास लगता रहता है,लोकसभा चुनाव के बाद एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी में बढ़ोतरी भी हुई है।लोकसभा चुनाव में 6 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस यूपी में अपना पैर मजबूती से जमाने के लिए जुटी है,जिसके लिए सपा से अधिक बसपा फायदेमंद लग रही है।अब सभी के दिमाग में यही सवाल है कि क्या कांग्रेस दबाव बना कर बसपा का साथ ले सकती है,उधर सपा के प्रवक्ता का दावा है कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 35 सीटों से ज्यादा नहीं दिया जाएगा।
कांग्रेस क्यों कर रही दबाव वाली सियासत
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है हम सभी का एक ही सामूहिक उद्देश्य है कि 2027 में भाजपा को उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर करना,जनता 2027 में इंडिया गठबंधन को जिताने का मन बना चुकी है।सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व और समाजवादी पार्टी बात करेंगे,लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर सपा पर दबाव बनाने की राजनीति कांग्रेस क्यों कर रही है,क्या कांग्रेस को 2027 में अपने रास्ते अलग करने हैं।यूपी में कांग्रेस के सामने बहुजन समाज पार्टी की सिवा कोई विकल्प नहीं है।
कांग्रेस-बसपा में बनेगी बात
सियासत में संभावनाओं से इनकार कभी भी नहीं किया जा सकता है।सियासत में हमेशा से संभावनाओं का खेल होता है। ऐसे में जिस तरह से इमरान मसूद लगातार सपा पर हमलावर है उससे साफ तौर से नजर आ रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं आने वाले दिनों में यह कहानी सपा के ऑफिस से होते हुए बसपा तक पहुंच जाएगी।