दुनिया की सबसे तेज और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का लखनऊ में हो रहा है निर्माण,जानें किस जगह हो रहा निर्माण
दुनिया की सबसे तेज और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का लखनऊ में हो रहा है निर्माण,जानें किस जगह हो रहा निर्माण

27 May 2025 |   26



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी 

लखनऊ।सूबे की राजधानी लखनऊ अब भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयां देने जा रही है।राजधानी अब भारत की रक्षा शक्ति को बढ़ाएगी।दुनिया की सबसे तेज और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण सरोजनीनगर के भटगांव में अत्याधुनिक संयंत्र में हो रहा है।यह संयंत्र डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है और इसे ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा स्थापित किया गया है,जो भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है। यह परियोजना लखनऊ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

11 मई को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया गया था।कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअली शामिल हुए थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद थे। 

ब्रह्मोस मिसाइल प्लांट लखनऊ-कानपुर रोड पर डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत विकसित किया गया है। यह संयंत्र लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र के भटगांव गांव में है। इस जगह को विशेष रूप से उच्च तकनीक वाले रक्षा उपकरणों और मिसाइलों के निर्माण के लिए तैयार किया गया है।

इस प्रोजेक्ट की आधारशिला दिसंबर 2021 में रखी गई थी। योगी सरकार ने 80 हेक्टेयर भूमि मुफ्त में उपलब्ध करवाई थी। अब केवल 3.5 सालों में यह प्लांट निर्माण से उत्पादन के चरण में पहुंच चुका है।संयंत्र की निर्माण लागत 300 करोड़ रुपये है,जिसमें जमीन की लागत शामिल नहीं है।यह मिसाइल परियोजना ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा संचालित की जा रही है, जो कि भारत के DRDO और रूस की NPOM का संयुक्त उपक्रम है। इसमें भारत की 50.5% और रूस की 49.5% हिस्सेदारी है। मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्कवा नदियों के नाम से लिया गया है।

योगी सरकार और रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस संयंत्र से लखनऊ की पहचान एक रक्षा उत्पादन हब के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी।यह परियोजना पीएम मोदी द्वारा 2018 में घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा का हिस्सा है। इस गलियारे में लखनऊ के अलावा कानपुर,अलीगढ़,आगरा,झांसी और चित्रकूट जैसे छह नोड शामिल हैं। इसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण और निवेश को बढ़ावा देना है। यूपी के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह संयंत्र देश की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को मजबूती देगा।

बता दें कि भारतीय वायु सेना ने हाल ही में पाकिस्तानी एयरबेस पर हमलों के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया था।ब्रह्मोस मिसाइल अपनी सुपरसोनिक स्पीड, सटीकता और 400 किलोमीटर से अधिक की रेंज के साथ भारतीय वायुसेना का खतरनाक हथियार है,इसकी तैनाती से भारतीय फाइटर जेट बिना दुश्मन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए महत्वपूर्ण रणनीतिक लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं।
अब पाकिस्तानी एक्सपर्ट भी मानने लगे हैं कि उनके पास भारत के हथियारों का मुकाबला करने की क्षमता नहीं है। प्रमुख पाकिस्तानी रक्षा विश्लेषकों ने भी बीते दिनों खुलासा किया है कि पाकिस्तान के पास भारत की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को रोकने की क्षमता नहीं है। पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने खास तौर पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के हवा से दागे जाने वाले संस्करण का जिक्र किया है। पाकिस्तानी मीडिया प्लेटफॉर्म पर बोलते हुए रक्षा विशेषज्ञ इकरामुल्लाह भट्टी और पाकिस्तानी एयरफोर्स के एयर कोमोडोर आदिल सुल्तान ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान के पास अभी कोई वायु रक्षा प्रणाली नहीं है, जो ब्रह्मोस-ए जैसी मिसाइल को रोक सके।

More news