वाराणसी।उत्तर प्रदेश एटीएस ने भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले पाकिस्तान जासूस मोहम्मद तुफैल को कल वाराणसी से गिरफ्तार किया है।तुफैल को लेकर लगातार हैरतअंगेज खुलासे हो रहे हैं।जानकारी सामने आई है कि किस तरह एक हनी ट्रैप के ज़रिए तुफैल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने अपने जाल में फंसाया और भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू किया।
जांच में यह सामने आया है कि तुफैल सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी महिला नफीसा के संपर्क में आया था। नफीसा का पति पाकिस्तानी सेना में है।नफीसा तुफैल को धीरे-धीरे बहलाकर व्हाट्सएप ग्रुप्स,फेसबुक और अन्य माध्यमों से भारत की संवेदनशील सूचनाएं जुटाने में लगा रही थी।तुफैल नफीसा के झांसे में पूरी तरह फंस चुका था और बिना सोचे-समझे भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया।
तुफैल की धार्मिक आयोजनों में बढ़ी रुचि,मौलवियों से रहा करीबी संपर्क
तुफैल के बारे में उसके परिजनों और ननिहाल के लोगों ने बताया कि वह काफी धार्मिक प्रवृत्ति का था।उर्स,जलसा और तकरीरों में उसकी लगातार भागीदारी रहती थी। तुफैल मौलवी और मौलानाओं के साथ लगातार संपर्क में रहता था, तुफैल के मामा के बेटे मोहम्मद शकलेन ने बताया कि तुफैल 2014 में अपने माता-पिता के तलाक के बाद अपनी मां के साथ अपने ननिहाल नवापुरा हनुमान फाटक थाना आदमपुर में रहने लगा था। तुफैल की मां जाहिदा बीबी की तबीयत ठीक नहीं रहती थी, इसलिए परिजनों ने मिलने से इनकार कर दिया।
शकलेन ने बताया कि तुफैल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था।पिता मकसूद आलम दोषीपुरा,जैतपुरा में रहते हैं,लेकिन तलाक के बाद उनका कोई संबंध बच्चों और पत्नी से नहीं रहा।शकलेन ने बताया कि पढ़ाई छोड़ने के बाद तुफैल ने बिनकारी का काम शुरू किया,जब इसमें मंदी आई तो वह पीवीसी का काम करने लगा,जिसे वह अब तक करता आ रहा था।तुफैल की दिनचर्या नियमित नहीं थी और वह देर रात तक बाहर रहता था।
गजवा-ए-हिंद और शरीयत लागू करने के संदेश तुफैल करता था साझा
एटीएस की जांच में पता चला कि तुफैल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के वीडियो और संदेश व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करता था।साथ ही तुफैल गजवा ए हिन्द,बाबरी मस्जिद का बदला लेने और भारत में शरीयत लागू करने जैसे कट्टरपंथी संदेशों का प्रचार करता था।तुफैल ने भारत के कई संवेदनशील और धार्मिक स्थल राजघाट,नमोघाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद,लाल किला,निजामुद्दीन औलिया आदि की तस्वीरें और जानकारियां पाकिस्तानी नंबरों पर साझा की थीं. यह भी पता चला कि तुफैल ने वाराणसी के कई लोगों को भी पाकिस्तान से संचालित ग्रुप्स के लिंक भेजे थे और करीब 600 से अधिक पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।
एटीएस की निगरानी में आया तुफैल,फिर हुई गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश एटीएस को खुफिया इनपुट मिला था कि वाराणसी निवासी एक व्यक्ति भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा है।इस पर एटीएस वाराणसी यूनिट ने जांच शुरू की, जांच में पाया गया कि तुफैल पाकिस्तान में सक्रिय लोगों के सीधे संपर्क में है,पूरी जांच के बाद कल गुरुवार को एटीएस लखनऊ ने तुफैल को वाराणसी के आदमपुर इलाके से गिरफ्तार किया। तुफैल के खिलाफ थाना एटीएस लखनऊ में केस दर्ज किया गया।
नफीसा की भूमिका अहम
तुफैल की गिरफ्तारी के बाद सबसे अहम पहलू का खुलासा हुआ वो थी पाकिस्तानी महिला नफीसा की भूमिका।फेसबुक के जरिए तुफैल का नफीसा से संपर्क हुआ था।नफीसा ने भावनात्मक और धार्मिक संवादों के जरिए तुफैल को अपने जाल में फंसा लिया। नफीसा का पति पाकिस्तानी सेना में है, जिससे यह साफ होता है कि यह कोई व्यक्तिगत संवाद नहीं बल्कि एक रणनीतिक हनी ट्रैप था।
परिवार में हैरानी
तुफैल की गिरफ्तारी के बाद परिवार में सन्नाटा है, उसके नजदीकी रिश्तेदारों को इस बात का यकीन नहीं हो रहा कि तुफैल जैसा धार्मिक और सीधा-सादा लड़का इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकता है।मामा के बेटे शकलेन का कहना है कि तुफैल को बहकाया गया होगा, वह इस स्तर पर देश के खिलाफ जाएगा, यह सोचा नहीं जा सकता। हालांकि आरोप है कि तुफैल न केवल पाकिस्तान से संचालित गतिविधियों में शामिल था, बल्कि दूसरों को भी इस दिशा में बढ़ावा दे रहा था।