कानपुर।उत्तर प्रदेश ने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में शुक्रवार को एक नया इतिहास रचा है।पीएम मोदी ने कानपुर से यूपी को अरबों की सौगात दी। 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तापीय विद्युत परियोजनाओं की पीएम ने सौगात दी।इन परियोजनाओं से यूपी में न सिर्फ 24.89% उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी,बल्कि इससे औद्योगिक,कृषि और सामाजिक विकास को नई ऊर्जा मिलेगी।इन परियोजनाओं से यूपी की उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी,जो यूपी की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में अहम योगदान देगा।
यूपी अब ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में केवल उपभोक्ता नहीं,बल्कि उत्पादक राज्य के रूप में उभर रहा है।इन तापीय परियोजनाओं के शुभारंभ से यूपी को बड़े लाभ होंगे।सबसे महत्वपूर्ण लाभ बिजली के क्षेत्र में आत्मनर्भिरता को लेकर होगा। 2017 तक यूपी की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 15,916 मेगावाट थी।योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर 24,868 मेगावॉट तक पहुंचा दिया है और इस साल के अंत तक यह क्षमता 27,184 मेगावॉट हो जाएगी। सभी नई परियोजनाओं में सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग किया गया है,जिससे कम कोयले में ज्यादा बिजली बनती है।इससे कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है और पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है।
इन परियोजनाओं से यूपी के राजस्व में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।नई परियोजनाओं से उत्पादित बिजली का 75.11 प्रतिशत हिस्सा यूपी में और 24.89 प्रतिशत असम को भेजा जाएगा।इससे यूपी को राजस्व प्राप्त होगा और ऊर्जा वितरण में संतुलन बनेगा,इसका लाभ हर वर्ग को मिलेगा।बिजली आपूर्ति की मजबूती से कृषि कार्यों, घरेलू उपभोक्ताओं और औद्योगिक इकाइयों को सीधा लाभ मिलेगा। सिंचाई सस्ती होगी,फैक्ट्रियों का उत्पादन बढ़ेगा और घरों में नर्बिाध बिजली उपलब्ध होगी।
इन परियोजनाओं के नर्मिाण और संचालन से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है।साथ ही इन परियोजना क्षेत्रों में सड़क, जल,स्वास्थ्य और शक्षिा जैसे आधारभूत ढांचे का भी विकास हो रहा है।आगामी 10 सालों के लिए योगी सरकार ने 10,795 मेगावाट तापीय ऊर्जा और 28,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की व्यापक योजना बनाई है। इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनर्भिर होगा, बल्कि यह राष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति का एक मजबूत स्तंभ भी बनेगा।