उम्मीद-ए-शहर नाम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था आईएसआई जासूस तुफैल,600 पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क,कई बड़े खुलासे  
उम्मीद-ए-शहर नाम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था आईएसआई जासूस तुफैल,600 पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क,कई बड़े खुलासे  

30 May 2025 |   38



 

लखनऊ।वाराणसी में बीते बुधवार को यूपी एटीएस ने नवापुरा से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जासूस मोहम्मद तुफैल को गिरफ्तार किया था।तुफैल के बारे में जानकारी मिली है कि यह गिरोह बनाकर जासूसी कर रहा था। आराेप है कि तुफैल उम्मीद-ए-शहर नाम का वॉट्सएप ग्रुप से युवाओं को भड़काने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने का काम कर रहा था।तुफैल लगभग 600 पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।तुफैल की गिरफ्तारी के बाद कई नई जानकारी सामने आई है।

सूत्रों के मुताबिक साल 2022 में पंजाब में आईएसआई एजेंट नौशाद मेमन से तुफैल ने मुलाकात की थी।इसके बाद तुफैल को उम्मीद-ए-शहर नाम के वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया।तुफैल ने भारत के कई संवेदनशील स्थान राजघाट,नमोघाट,ज्ञानवापी मस्जिद,रेलवे स्टेशन,जामा मस्जिद,लाल किला आदि की फोटो पाकिस्तानी नंबरों पर शेयर की थी।यूपी एटीएस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।तुफैल के बीते दिनों के मूवमेंट और सोशल मीडिया गतिविधियों की छानबीन की जा रही है।

दिल्ली के‌ हारुन को भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।पूछताछ में हारुन ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी मुजम्मल हुसैन के संपर्क में था।यूपी एटीएस को शक है कि हारुन ने मुजम्मल को कुछ भारतीय बैंक खातों की जानकारी उपलब्ध कराई थी।मुरादाबाद से पकड़े गए आईएसआई एजेंट शहजाद से भी पूछताछ जारी है। 21 मई को वाराणसी के तुफैल और दिल्ली के मोहम्मद हारुन को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं।

बता दें कि यूपी एटीएस को खुफिया इनपुट मिला था कि वाराणसी निवासी एक व्यक्ति भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा है।इसके बाद यूपी एटीएस की वाराणसी यूनिट ने जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि आरोपी तुफैल पाकिस्तान में सक्रिय लोगों के सीधे संपर्क में है।पूरी जांच के बाद 22 मई को यूपी एटीएस की लखनऊ यूनिट ने तुफैल को वाराणसी के आदमपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। तुफैल के खिलाफ थाना एटीएस लखनऊ में केस दर्ज किया गया।तुफैल की गिरफ्तारी के बाद जिस सबसे अहम पहलू का खुलासा हुआ वह थी पाकिस्तानी महिला नफीसा की भूमिका।फेसबुक के जरिए तुफैल का नफीसा से संपर्क हुआ था।नफीसा ने भावनात्मक और धार्मिक संवादों के जरिए तुफैल को अपने जाल में फंसा लिया। नफीसा का पति पाकिस्तानी सेना में है,जिससे यह साफ होता है कि यह कोई व्यक्तिगत संवाद नहीं बल्कि एक रणनीतिक हनी ट्रैप था।

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