कानपुर।उत्तर प्रदेश के कानपुर में अस्पतालों में छापेमारी के दौरान लगातार मिल रही कमियों से जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बीच तनातनी चल रही है।इसके लिए अप्रैल में भी डीएम प्रमुख सचिव को सीएमओ के खिलाफ पत्र लिख चुके हैं। इस पर सीएमओ से सवाल-जवाब भी किया जा चुका है।अब डीएम ने एक बार फिर शिकायतों और डॉक्टरों के कथित मनमाने तबादलों से नाराज होकर प्रमुख सचिव को सीएमओ का तबादला करके विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की है।डीएम की संस्तुति पूरे जिले में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह जनवरी में जिले में आने के बाद से लगातार अस्पतालों समेत अन्य जगह पर औचक निरीक्षण कर रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग के सीएचसी-पीएचसी,कांशीराम समेत अन्य अस्पताल के निरीक्षण में मिलीं खामियों में सुधार करने और लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश देने के बाद भी सीएमओ हरिदत्त नेमी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई,जिस पर डीएम ने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र पहले 15 अप्रैल और फिर 9 जून को भेजा है। इसमें डीएम ने लिखा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत रिक्त पदों का विज्ञापन यूपी की वेबसाइट पर नहीं जारी किया गया।
पत्र में जिक्र है कि वित्त एवं लेखा सेवा से नामित वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ वंदना सिंह को वित्तीय परीक्षण एवं पदेन कार्यों से हटा दिया। उनके स्थान पर गैर वित्त सेवा कर्मी को नामित कर दिया। यही नहीं डॉ आरएन सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी समेत अन्य डॉक्टरों के 10 दिन के अंदर नौ बार तबादले के आदेश जारी कर दिए।निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण अत्यंत लचर व शिथिल है। लापरवाह व चिकित्सा अभिलेखों में मरीजों की फर्जी प्रविष्टियां करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। ये सभी मामले गंभीर हैं। सीएमओ का तबादला करके किसी सुयोग्य वरिष्ठ अधिकारी को तैनात करने का कष्ट करें।
बता दें कि इस बीच तीन ऑडियो वायरल हुए हैं,जिन्हें डीएम-सीएमओ विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है। इनमें दोनों अफसरों का किसी न किसी रूप में जिक्र है।लंबी मीटिंग करने,महिलाओं के लंबी बैठकों में ऊब जाने,वसूली आदि का जिक्र इनमें है।सरकारी विभागों के लोगों के बीच यह खूब वायरल हो रहे हैं। स्वराज सवेरा इन आडियो की पुष्टि नहीं करता है।