नई दिल्ली।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही भारत के खिलाफ कठोर कदम उठा रहे हैं,लेकिन उनकी सरकार को एक बात बहुत सता रही है।ट्रंप को इस बात का भी डर है कि अगर अमेरिका ने भारत के खिलाफ अधिक सख्ती दिखाई तो भारत चीन के साथ अपने रिश्तों को सुधार सकता है।भारत ने इसके संकेत भी दे दिए हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन यात्रा पर जाने वाले हैं।
पीएम मोदी की चीन यात्रा को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रिंसिपल डिप्टी प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में बड़ा ही संतुलित बयान दिया है।पिगाॅट ने भारत को रणनीतिक साझेदार करार दिया है।कहा कि दोनों देशों के बीच स्पष्ट और ईमानदार संवाद जारी है।
टाॅमी पिगाॅट ने कहा कि राष्ट्रपति भारत के साथ व्यापार असंतुलन और रूस से तेल खरीद को लेकर अपनी चिंताओं को लेकर बहुत स्पष्ट रहे हैं।आपने देखा है कि उन्होंने इस पर सीधे कदम भी उठाए हैं।यह बयान तब आया जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका और भारत के संबंधों में गिरावट की आशंका है और क्या भारत चीन की ओर झुक सकता है।
बता दें कि इस बयान से कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया था। इस बीच खबर आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भाग ले सकते हैं। यह उनका सात वर्षों में पहला चीन दौरा होगा।भारत के साथ चीन की बढ़ती नजदीकी को देखते हुए पिगॉट का बयान कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
टाॅमी पिगाॅट ने कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम पूरी स्पष्टता और ईमानदारी से संवाद करते हैं,यह जारी रहेगा।पिगाॅट ने आगे कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो भी इस मुद्दे पर बात कर चुके हैं।
पिगॉट ने स्पष्ट किया कि विदेश नीति में हर मुद्दे पर पूर्ण सहमति संभव नहीं होती,लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि दोनों देशों के बीच वास्तविक मुद्दों पर ईमानदार संवाद हो।पिगाॅट ने कहा कि यह संवाद अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है। राष्ट्रपति ने अपनी चिंताओं को पूरी स्पष्टता के साथ सामने रखा है और इन मुद्दों पर कार्रवाई की है।
जब टाॅमी पिगाॅट से यह पूछा गया कि क्या अमेरिका को इस बात की चिंता है कि भारत कहीं अमेरिका से दूरी बनाकर चीन की ओर न झुक जाए,तो पिगॉट ने इसे भी स्पष्ट रूप से नकारते हुए कहा कि यह संपूर्ण बातचीत का हिस्सा है।पिगाॅट ने कहा कि ईमानदार और स्पष्ट संवाद का यही मतलब होता है।आपसी चिंताओं पर खुलकर चर्चा होती है,यही सच्ची कूटनीति है।