मिल्कीपुर में चरम पर चुनावी पारा,जानें क्या हैं सियासी और‌ सामाजिक समीकरण
मिल्कीपुर में चरम पर चुनावी पारा,जानें क्या हैं सियासी और‌ सामाजिक समीकरण

03 Feb 2025 |  120




अयोध्या।उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा में चुनावी पारा चरम पर है।मिल्कीपुर में हो रहा उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।सपा और भाजपा के वरिष्ठ नेता मिल्कीपुर को जीतने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मिल्कीपुर में जनसभा को संबोधित किया था।इस बीच रविवार को अयोध्या में मिली एक दलित युवती की लाश ने मामले ने चुनाव प्रचार को गरमा दिया है। बता दें कि मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को मतगणना होगी।

दलित युवती की हत्या से गरमाई सियासत

दलित युवती का शव मिलने के बाद स्थानीय सपा सांसद अवधेश प्रसाद रविवार को मीडिया के सामने आए। अवधेश प्रसाद ने रोते हुए कहा कि वो इस मामले को संसद में उठाएंगे, अगर युवती को न्याय नहीं मिला तो वो इस्तीफा दे देंगे। सीएम योगी ने रविवार को मिल्कीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बेटी की हत्या में सपा का ही दरिंदा शामिल होगा। सीएम ने कहा कि सपा सांसद इस घटना पर नौटंकी कर रहे हैं।सपा को गाजी-पाजी (बदमाश) प्यारे हैं।इनको मिल्कीपुर का मोईद खान और कन्नौज का नवाब यादव प्यारा है,जो एक बेटी पर सीधे-सीधे हाथ डालता है।

पुलिस ने दिखाई सक्रियता

दलित युवती का शव मिलने की घटना ने मिल्कीपुर के लोगों को झंकझोर कर रख दिया है।यह घटना चुनाव से तीन दिन पहले ही सामने आई है।घटना प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रही है।युवती के परिजनों में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी,लेकिन पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई।इस मामले में सपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि युवती की आंखें निकाल ली गई थीं,लेकिन पुलिस ने इससे इनकार किया है। इस मामले पर सियासत बढ़ती देख पुलिस ने सक्रियता दिखाई।पुलिस ने इस हत्याकांड में हरिराम कोरी,विजय साहू और दिग्विजय सिंह नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस तरह पुलिस ने इस मामले में हो रही सियासत का पटाक्षेप कर दिया है।अगर पुलिस इस मामले में नाकाम रहती तो इसका असर मिल्कीपुर उपचुनाव पर पड़ना तय था।

मिल्कीपुर उपचुनाव का मुकाबला दिलचस्प

मिल्कीपुर उपचुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। उपचुनाव में सपा ने अपने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद तो भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को बनाया है।दलित समाज के जरिए उत्तर प्रदेश की सियासत में पैर जमाने की कोशिश कर रहे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी मिल्कीपुर में प्रत्याशी उतारा है। चंद्रशेखर आजाद ने सूरज चौधरी उर्फ संतोष कुमार को मैदान में उतारा है।संतोष पहले अवधेश प्रसाद के करीबी हुआ करते थे। उपचुनाव के मुकाबले में दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों प्रत्याशी पासी समाज से हैं।इसलिए मिल्कीपुर के सबसे बड़े वोट बैंक में बंटवारा तय है।उपचुनाव में कांग्रेस के बागी भोलानाथ भारती मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाने की कोशिश में हैं।भोलानाथ भारती जिला पंचायत चुनाव में सपा उम्मीदवार अजित प्रसाद को हरा चुके हैं।

मिल्कीपुर में किस जाति के कितने वोट

मिल्कीपुर में दलित और ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।मुसलमान मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं।दलित मतदाताओं में सबसे बड़ी आबादी पासी समाज की है,लेकिन तीन प्रत्याशी पासी समाज होने से इस वोट बैंक में बंटवारा तय है। मिल्कीपुर विधानसभा में 60 हजार से अधिक ब्राह्मण मतदाता हैं।ब्राह्मणों को लुभाने के लिए भाजपा और सपा लगी हुई है। भाजपा और सपा के ब्राह्मण नेता अपने-अपने दल के लिए चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। वहीं अगर ओबीसी मतदाताओं की बात करें तो यादव मतदाता की आबादी 60 हजार से ज्यादा है। मुस्लिम मतदाता 30 हजार से अधिक हैं। दोनों वर्गों को सपा का वोट बैंक माना जाता है।इसके अलावा ओबीसी की दूसरी जातियों के मतदाता भी लगभग 40 हजार है।ये ओबीसी मतदाता भाजपा और सपा में बंटे हुए हैं।

मिल्कीपुर में क्यों हो रहा है चुनाव

मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान होगा और मतगणना आठ फरवरी को होगी।साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज की थी।सपा ने अवधेश प्रसाद को 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया था। अवधेश प्रसाद भाजपा के सीटिंग सांसद लल्लू सिंह को हराया था।सासंद बनने के बाद अवधेश प्रसाद ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।इस वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव हो रहा है।

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