
अयोध्या।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौपाल का दिल्ली में निधन हो गया है।कामेश्वर चौपाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे।चौपाल का दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था। अगस्त 2024 को इसी अस्पताल में किडनी का ट्रांसप्लांट कराया गया था। चौपाल ने ही अयोध्या में राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी।
भारतीय जनता पार्टी में कामेश्वर चौपाल का निधन होने से शोक की लहर दौड़ गई है।चौपाल को संघ ने प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चौपाल को श्रद्धांजलि दी है।
पीएम मोदी ने एक्स पर की पोस्ट
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स कर लिखा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे एक अनन्य रामभक्त थे,जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया।दलित पृष्ठभूमि से आने वाले कामेश्वर जी समाज के वंचित समुदायों के कल्याण के कार्यों के लिए भी हमेशा याद किए जाएंगे।शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं।ओम शांति।
सीएम योगी ने कही ये बात
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवम्बर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखने वाले परम राम भक्त श्री कामेश्वर चौपाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है।उनका पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित रहा।उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ऊं शांति!'
कमरैल गांव में हुआ था जन्म
कामेश्वर चौपाल का जन्म बिहार के सुपौल जिले के कमरैल गांव में हुआ था।नौ नवंबर 1989 को चौपाल ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखी थी।तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हजारों साधु-संतों और लाखों कारससेवक इसमें जुटे थे।उस समय चौपाल विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त सचिव थे।बता दें कि अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी,लेकिन राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे।कामेश्वर चाैपाल ही ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भाजपा के रह चुके हैं प्रदेश महामंत्री
कामेश्वर चौपाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं।रोटी के साथ राम का नारा देने वाले चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी।उस समय चौपाल पूरे देश में चर्चा के केंद्र में थे।विहिप में बिहार के सह संगठन मंत्री होने के नाते चौपाल भी आयोध्या में मौजूद थे।पूर्व में तब लिए गए निर्णय के अनुसार धर्मगुरुओं ने चौपाल को शिलान्यास के लिए पहली ईंट रखने को कहा।चौपाल इसके पहले तक अनजान थे।तब चौपाल ने बताया था कि हालांकि उन्हें यह पता था कि धर्मगुरुओं ने किसी दलित से ईंट रखवाने का निर्णय लिया है,लेकिन वे स्वयं होंगे यह उनके लिए संयोग रहा।
छा गया पूरे देश में नाम
शिलान्यास के बाद से ही कामेश्वर चौपाल का नाम पूरे देश में छा गया।शिलान्यास के बाद चौपाल विधिवत भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए।चौपाल की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने साल 1991 में रोसड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। हालांकि चौपाल चुनाव हार गए थे।इसके बाद 1995 में चौपाल बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़े,लेकिन हार का सामना करना पड़ा।साल 2002 में चौपाल बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। 2014 तक चौपाल विधान परिषद के सदस्य रहे। साल 2009 में हुए चुनाव में चौपाल ने रोटी के साथ राम का नारा लगाया।
|