भारत से चीन ने किया आग्रह,कोविड 19 को चाइना का वायरस ना कहा जाए
धनंजय सिंह


बीजिंग ने भारत से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना को चीन का वायरस ना कहें क्योंकि इससे देश को कलंक लग सकता है और इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग में हानिकारक होगा।

मंगलवार को फोन पर बातचीत के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्षीय एस. जयशंकर से कहा कि चीन उम्मीद करता है कि चाइना वायरस कहने के संकीर्ण मानसिकता भारत ने विरोधी है।

कोविड-19 के सबसे पहले मामले चीन के वुहान में पिछले साल दिसंबर में आए। चीन की सरकार ने बाद में कहा क

25 Mar 2020 |  167



धनंजय सिंह

बीजिंग ने भारत से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना को चीन का वायरस ना कहें क्योंकि इससे देश को कलंक लग सकता है और इसके साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग में हानिकारक होगा।

मंगलवार को फोन पर बातचीत के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्षीय एस. जयशंकर से कहा कि चीन उम्मीद करता है कि चाइना वायरस कहने के संकीर्ण मानसिकता भारत ने विरोधी है।

कोविड-19 के सबसे पहले मामले चीन के वुहान में पिछले साल दिसंबर में आए। चीन की सरकार ने बाद में कहा कि ऐसा हो सकता है कि यह सबसे पहले मध्य चीन में हुआ हो, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह वायरस वहीं से पैदा हुआ है। चीन के राजनयिक दुनियाभर में कैंपेन चलाकर वहां की सरकारों को इस बात के लिए मना रहे हैं कि वे इसे ‘चीन का वायरस’ न बताएं।

चीन के भारत में तैनात राजदूत सुन वेईडोंग ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा- “वांग यी ने कहा कि वायरस को चीन का कहना यह अस्वीकार्य और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नुकसान पहुंचाने वाला और चीन को कलंकित करने वाला है, उम्मीद है कि भारत ऐसे संकीर्ण मानसिकता का विरोध करता है। डॉक्टर जयशंकर इस बात पर राजी हुए है कि इसे चीन का वायरस नहीं कहा जाएगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकता का एक मजबूत संदेश जाना चाहिए।”

कोरोना को चीन का वायरस बताने पर लगातार बीजिंग में चीन का विदेश मंत्रालय जोरदार तरीके से विरोध करता रहा है और वह अमेरिका की तरफ से चीन का नाम लेने पर उसकी कड़ी आलोचना करता आ रहा है।

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