एसटीएफ के एनकाउंटर में ढेर हुआ 50 हजार का इनामी बदमाश वाक‍िफ, पूर्वांचल में जमाने लगा था सिक्का
एसटीएफ के एनकाउंटर में ढेर हुआ 50 हजार का इनामी बदमाश वाक‍िफ, पूर्वांचल में जमाने लगा था सिक्का

07 Nov 2025 |   42



 

आजमगढ़।उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने रौनापार थाना क्षेत्र के जोकहरा पुलिया के पास गुरुवार देर रात 50 हजार इनामी बदमाश वाकिफ को एनकाउंटर में मार गिराया।वाकिफ फूलपुर थाना क्षेत्र के नियाउज गांव का रहने वाला था।सरायमीर पुलिस के मुताबिक साल 2015 में वाकिफ के खिलाफ कई गंभीर आरोप के साथ पहला मुकदमा दर्ज हुआ था,इसमें लूट,हत्या की कोशिश और अवैध गतिविधियां शामिल थीं।

बता दें कि वाकिफ की सक्रियता और आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए उसके खिलाफ यह पहला मामला उसी साल दर्ज किया गया था।इसके बाद से वाकिफ पुलिस के लिए लगातार चुनौती बना रहा। वाकिफ की कई बार गिरफ्तारी और मुठभेड़ों की घटनाएं सामने आईं।आखिरकार इस मुठभेड़ में एसटीएफ ने वाकिफ को मार गिराया। 2015 में दर्ज मामला वाकिफ की आपराधिक यात्रा की शुरुआत का दस्तावेज है।वाकिफ ने आजमगढ़ जिले में सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी।पुलिस ने वाकिफ के खिलाफ कई बार अन्य थानों में भी मुकदमे दर्ज किए और उसे पकड़ने की कई सघन कोशिशें कीं,लेकिन पुलिस की कोशिश र्सिफ कोशिश बनकर रह जाती थी,वाकिफ पुलिस को चकमा देने का महारथ हासिल किया था। इसलिए लगातार पुलिस की आंखो में धूल झोकता रहा।

पूर्वांचल में जमाने लगा था सिक्का,बढ़ रही थी गतिविधियां

पूर्वांचल में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के बीच वाकिफ ने अपनी पैठ जमाना शुरू किया था।पूर्वांचल में खासकर गाजीपुर,मऊ,आजमगढ़ में वाकिफ ने अवैध कारोबार,गौ तस्करी,हथियार तस्करी और रंगदारी वसूली जैसे संगठित अपराधों में सक्रिय रूप से भागीदारी की।पूर्वांचल का भूगोल, आर्थिक कमजोरी और सीमावर्ती इलाके नेपाल से लगी सीमाएं अपराधियों के लिए सुरक्षित रास्ते उपलब्ध कराती हैं, जिससे यहां अपराधी गिरोहों का उगान हुआ।वाकिफ ने इन परिस्थितियों का फायदा उठाकर जिले के कई इलाके अपनी ताकत के तहत कर लिए थे।वाकिफ बड़ी विशेषता थी इलाके में भय फैलाकर आपसी करोबार और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण करना।पूर्वांचल में संगठित अपराध की बढ़ती घटना के बीच वाकिफ जैसे अपराधी सामाजिक स्थिरता के लिए खतरा बने हुए थे।पुलिस लगातार उनकी तलाश में लगी रही और अंततः मुठभेड़ में उसे खत्म किया गया। वाकिफ की सक्रियता ने क्षेत्र को अपराध की दृष्टि से संवेदनशील बना दिया था,जिससे पुलिस की सतर्कता बढ़ गई थी।

पुलिस की दबिश से तनाव में रहता परिवार

फूलपुर के नियाउज निवासी वाकिफ का परिवार एक सामान्य ग्रामीण परिवार से था,जहां शुरुआती दौर में वाकिफ एक साधारण जीवन व्यतीत करता था।समय के साथ वाकिफ अपराध की दुनिया में उतरा और उसका परिवार भी उसके आपराधिक कृत्यों की वजह से तनाव और सामाजिक दबाव का सामना कर रहा था।

परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वाकिफ का शुरूआती जीवन सामान्य था, पर उसकी आपराधिक गतिविधियों ने परिवार को समाज से अलगाव और पुलिस के लगातार दबाव में डाल दिया। परिवार के सदस्य कई बार समाजिक तौर पर हाशिए पर चले गए और उन्हें सुरक्षा की चिंता सताती रही।पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि वाकिफ के परिवार के कुछ सदस्य उसकी अवैध गतिविधियों से अनजान थे, जबकि कुछ सदस्यों ने उसके अपराधों के खिलाफ खुलकर या दबे रूप में प्रतिक्रिया दी। कुल मिलाकर वाकिफ का पारिवारिक जीवन उसकी अपराधी छवि के कारण जटिल और कलहपूर्ण रहा, जिसका सीधा असर उसके घर वालों की जिंदगी पर पड़ा।

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