लखनऊ।पीलीभीत,वाराणसी,बिजनौर और हापुड़ जैसे जिलों में मतदाता सूची में एक ही नाम दो से तीन बार दर्ज होने का मामला सामने आया है।स्थिति का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक में 97027 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दो से तीन बार हैं।
ऐसे ही स्थिति वाराणसी के आराजीलाइंस और पिंडरा, गाजीपुर के सैदपुर और सादात,जौनपुर के शाहगंज सोंधी, बिजनौर के नजीबाबाद और हापुड़ के हापुड़ विकास खंडों में मिली है। यह स्थिति त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों में मिली है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का भी मानना है कि इन वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने के लिए भी बड़े पैमाने पर अभियान चलाना होगा,जो किसी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से कम नहीं होगा। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने दो महीने पहले ही ब्लॉकवार डुप्लीकेट मतदाताओं को चिह्नित करके सूची जिलों को भेज दी है। छोटे-बड़े ब्लॉकों में मतदाताओं की संख्या एक से दो लाख के बीच होती है।
पूरनपुर में 97 हजार मतदाताओं के डुप्लीकेट होने से वहां की मतदाता सूची शक के दायरे में आ गई है। 70 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट मतदाताओं वाले ब्लॉकों में पिंडरा,सैदपुर और आराजीलाइंस शामिल हैं। इसी तरह से पडरौना,शाहगंज सोंधी,हापुड़,नजीबाबाद और सादात विकास खंडों में 60 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट मतदाता चिह्नित किए गए हैं।
आयोग ने डुप्लीकेट मतदाताओं की श्रेणी में उन मतदाताओं को रखा है, जिनका नाम, पिता का नाम व लिंग समान हैं। प्रदेश में कुल 826 ब्लॉक (विकास खंड) हैं। इनमें से 108 ब्लॉक ऐसे हैं, जिनमें डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या 40 हजार से अधिक है। आयोग के उच्चपदस्थ सूत्र भी मानते हैं कि अगर ईमानदारी से जांच हो जाए तो करीब 50 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटेंगे।