हमारे गांव में मुस्लिम महाशय अलीगढ़ का ताला बेचने आते थे,हमारे पिता जी से उनकी बहुत बनती थी:पीएम मोदी
हमारे गांव में मुस्लिम महाशय अलीगढ़ का ताला बेचने आते थे,हमारे पिता जी से उनकी बहुत अच्छी बनती थी:पीएम मोदी




14 Sep 2021 |  138



 धनंजय सिंह स्वराज सवेरा एडिटर इन चीफ यूपी 



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को उत्तर प्रदेश का चर्चित जिला अलीगढ़ पहुंच कर डिफेंस कॉरिडोर नोड और जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह प्रदेश विश्वविद्यालय की नींव रखी। पीएम मोदी का अलीगढ़ का दौरा विश्वविद्यालय और डिफेंस से जुड़ा था, लेकिन यूपी 2022 विधानसभा चुनाव की आहट भी है।



पीएम मोदी ने भी एक कहानी भी सुनाई जिसमे अलीगढ़ का ताला और मुस्लिमों का कनेक्शन अपने गांव से जोड़ते हुए कहा कि हमारे गांव में एक मुस्लिम महाशय ताला बेचने आते थे और उनकी मेरे पिताजी से बहुत अच्छी बनती थी।



पीएम मोदी ने कहा कि आज अपने बचपन की बात करने का मन हो रहा है। अपने घर की या दुकान की सुरक्षा के लिए लोग अलीगढ़ के भरोसे रहते थे, क्योकि लोगों के पास अलीगढ़ का ताला लगा होता था इस लिए निश्चिंत रहते थे।



 पीएम मोदी ने कहा कि लगभग 55-60 साल पुरानी बात है।अलीगढ़ के ताले के एक सेल्समैन थे और वो एक मुस्लिम मेहरबान थे।वो हर तीन महीने में हमारे गांव आते थे और काली जैकेट पहनते थे।मुस्लिम महाशय सेल्समैन होने की वजह से अपना ताला व्यापारियों के पास रखकर चले जाते थे।मुस्लिम महाशय तीन महीने बाद फिर आते तो थे और पैसा ले जाते थे और अगल-बगल के गांवों में भी यही करते थे।



पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम महाशय की मेरे पिताजी से अच्छी दोस्ती थी। दिनभर जो पैसा वसूल कर लाते थे वो मेरे पिता जी के पास छोड़ देते थे और जब 4-6 दिन के बाद मेरा गांव छोड़कर जाते थे तो फिर पिताजी से पैसे लेकर ट्रेन से निकल जाते थे।



पीएम मोदी ने कहा कि हम सीतापुर और अलीगढ़ से बहुत परिचित थे। आंखों की बीमारी के इलाज के लिए हमारे गांव का हर आदमी सीतापुर जाता था। दूसरा मुस्लिम महाशय की वजह से अलीगढ़ बार-बार सुनता था।कल तक जो अलीगढ़ के तालों के सहारे घरों और दुकानों की रक्षा करता था वो मेरा अलीगढ़ अब 21वीं सदी में हिंदुस्तान की सीमाओं की रक्षा का काम करेगा। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के माध्यम से यूपी सरकार ने अलीगढ़ के तालों और हार्डवेयर को नई पहचान दिलाने का काम किया है।



पीएम मोदी ने कच्छ का अलीगढ़ कनेक्शन बताते हुए जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के साथ गुजरात के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा का जिक्र किया।प्रथम विश्व युद्ध के समय राजा महेंद्र प्रताप विशेष तौर पर श्यामजी कृष्ण वर्मा जी और लाला हरदयालजी से मिलने के लिए यूरोप गए थे। उसी बैठक में जो दिशा तय हुई, उसका परिणाम हमें अफगानिस्तान में पहली निर्वासित सरकार के तौर पर देखने को मिला।



पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियों को 73 साल बाद भारत लाने में सफलता मिली थी। कच्छ के मांडवी में उनका एक स्मारक है, जहां उनका अस्थि कलश रखा गया हैं। देश का प्रधानमंत्री के नाते आज मुझे एक बार फिर से ये सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि मैं राजा महेंद्र प्रतापजी जैसे दूरदर्शी और महान स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर बन रहे विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर रहा हूं।


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