अयोध्या।रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से देश-विदेश से श्रद्धालु रामलला का दर्शन करने आते रहते हैं।कोई आस्था के समंदर में डुबकी लगाने आ रहा है,तो कोई रामलला के चरणों में जीवन का अर्थ खोजने आ रहा है।प्रख्यात फिल्म स्टार गोविंदा सोमवार को रामनगरी पहुंचे और रामलला का दर्शन किया।इसके बाद गोविंदा हनुमानगढ़ी पहुंचे और आम भक्तों की तरह लाइन में लगे और बजरंगबली की आरती की।
गोविंदा ने न कोई वीआईपी ट्रीटमेंट ली और न ही किसी विशेष व्यवस्था का उपयोग किया,जैसे ही लोगों ने गोविंदा को मंदिर परिसर में देखा तो जय श्रीराम का जयघोष गूंज उठा, श्रद्धालु गोविंदा को अपने बीच पाकर उत्साहित हो गए,कई श्रद्धालुओं ने गोविंदा के साथ सेल्फी ली, तो कुछ ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया।
गोविंदा का भक्ति रूप देखने लायक था,उनके चेहरे पर एक अलग ही आत्मिक शांति झलक रही थी।गोविन्दा ने मीडिया से दूरी बनाए रखी,लेकिन उनकी आंखों और आचरण ने ये साफ कर दिया कि रामलला के दर्शन उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं।बता दें कि गोविंदा पड़ोसी जिले गोंडा में समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव दिग्विजय सिंह के तिलकोत्सव के अवसर पर उनके पैतृक निवास रामेश्वर पुरवा मिझौरा परसपुर में पहुंचे थे।
रामनगरी में पिछले दो माह में धार्मिक पर्यटन का ग्राफ तेजी से गिरा है। एक सर्वे के मुताबिक श्रद्धालुओं की संख्या में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है। यह न सिर्फ स्थानीय धार्मिक पर्यटन के लिए चिंता का विषय है, बल्कि इसका असर स्थानीय अर्थव्यवस्था और सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी पर भी देखने को मिल रहा है।
महाकुंभ के दौरान आई तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ अब थम गई है। इससे स्थानीय व्यापारियों की चिंता बढ़ी है। रामनवमी के बाद से ही अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट का सीधा असर व्यापार, होटल उद्योग, परिवहन सेवाओं और छोटे दुकानदारों की आमदनी पर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन के महासचिव व अर्थशास्त्री प्रो. विनोद श्रीवास्तव अपने सर्वे के आधार पर दावा करते हैं कि 10 मार्च के बाद से ही रामनगरी में श्रद्धालु घटने लगे थे।
श्रद्धालुओं की संख्या में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है। इससे पहले रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन को पहुंचते थे। इस समय रोजाना करीब 70 हजार श्रद्धालु आ रहे हैं। सर्वे में यह सामने आया है कि पर्यटक व श्रद्धालु सुबह आ रहे हैं और शाम को लौट जा रहे हैं। बमुश्किल 500 से एक हजार रुपये ही श्रद्धालु खर्च कर रहे हैं। यह ट्रेंड पर्यटन के लिहाज से खराब है। इसका असर अयोध्या धाम के सकल राजकीय घरेलू उत्पाद पर पड़ा है।