अयोध्या।राम मंदिर परिसर में निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है।राम मंदिर में गर्भगृह से लेकर सभी मंडपों के फर्श तक का काम पूरा हो गया है।अब रामलला के भव्य मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हो गया है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हो गया है।अगले 2-3 हफ्ते में पूरा हो जाने की उम्मीद है।मिश्रा ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह काम पूरी तरह से तय प्रक्रियाओं और सुरक्षा मानकों के अनुसार हो।इस काम के लिए नियुक्त विशेषज्ञ अयोध्या पहुंच चुके हैं और सोने की परत चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मौजूदा निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है।मिश्रा ने कहा कि हमने मुख्य रूप से मंदिर के द्वार,सभा भवन और अतिथि गृह के कार्य की प्रगति की समीक्षा की है।मंदिर का पहला द्वार अब 30 जून तक बनकर तैयार हो जाएगा। पहले इसे मई में पूरा होना था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण द्वार को फिर से बनाना पड़ा।गेट नंबर 11 अगस्त तक पूरा हो जायेगा और उसके बाद गेट नंबर तीन का काम शुरू होगा।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि राम,लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां आ गई हैं,उन्हें मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए एक सुनियोजित रणनीति तैयार की गई है और उसी के अनुसार काम चल रहा है।मिश्रा ने कहा कि मंदिर निर्माण से जुड़े धार्मिक समारोह 3 जून से 5 जून तक आयोजित किये जाएंगे, जो मुख्य निर्माण के अंतिम चरणों के साथ मेल खाते हैं, फिर रखरखाव का काम शुरू होगा।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर परिसर में शेष निर्माण कार्य सितंबर या अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है। परिसर के भीतर सप्त मंदिर पहले ही बनकर तैयार हो चुका है और वहां ऋषियों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का यह चरण आस्था और भव्यता का प्रतीक बन रहा है। साथ ही राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है।
बता दें कि 5 जून को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह बेहद भव्य होने की उम्मीद है।गेस्ट लिस्ट में राज्य या केंद्र के विशिष्ट लोग शामिल नहीं होंगे।ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है और शायद समारोह के समय विभिन्न धर्मों के कई आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।