सपा मुखिया अखिलेश यादव का नया घर‌ भाजपा के लिए नई टेंशन,मामला यूपी की130 सीटों पर हार-जीत से जुड़ा हुआ है
सपा मुखिया अखिलेश यादव का नया घर‌ भाजपा के लिए नई टेंशन,मामला यूपी की130 सीटों पर हार-जीत से जुड़ा हुआ है

04 Jul 2025 |   27



 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लगभग दो साल बाद होना है,लेकिन पूर्वांचल की सियासत में एक बार फिर तेज हलचल शुरू हो गई है।पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अभी से 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।पूर्वांचल में भाजपा को घेरने के लिए अखिलेश यादव ने जिस तरह पूर्वांचल प्लान की शुरुआत की है वह भारतीय जनता पार्टी के मजबूत गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में मोदी-योगी की नींद उड़ा सकता है।अखिलेश यादव का नया ठिकाना अब आजमगढ़ होगा।

2014 के बाद से पूर्वांचल भाजपा के लिए मजबूत किला बना हुआ है।इसी किले में सेंध लगाने के लिए सपा ऐड़ी से लेकर चोटी तक पूरा जोर लगा रही है।पूर्वांचल में कुल 130 विधानसभा सीटें हैं।‌इसमें बनारस,आजमगढ़,मऊ,बलिया, गोरखपुर,देवरिया,गाजीपुर,जौनपुर और प्रतापगढ़ जैसे ज़िले शामिल हैं।

अखिलेश यादव ने आज़मगढ़ में एक नया घर और ऑफिस बनवाया है।इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी होगा।लखनऊ,सैफई के साथ आज़मगढ़ को सियासी धुरी बनाकर अखिलेश ने एकदम स्पष्ट संकेत दिया है कि पूर्वांचल पर उनका अधिक फोकस होगा।

अखिलेश यादव राजधानी लखनऊ से अवध और प्रयागराज और सैफई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।पूर्वांचल पर फोकस कम हो पा रहा था।उसी कमी को पूरा करने के लिए अखिलेश ने अपने पुराने गढ़ आजमगढ़ को चुना है।इससे पूर्वांचल की ज़मीनी सियासत में सपा को नई ऊर्जा मिल सकती है।

आजमगढ़ सपा का इतना मजबूत किला है कि भाजपा मोदी की सुनामी और योगी लहर में भेदने में नाकाम रही थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मोदी की सुनामी में मायावती की बहुजन समाज पार्टी का सफाया हो गया।कांग्रेस दो और सपा पांच सीटों पर सिमट कर रह गई थी।मोदी की सुनामी में भी सपा ने आजमगढ़ में बड़ी जीत दर्ज की थी। 

2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद बने,लेकिन 2022 के लोकसभा उपचुनाव में सैफई परिवार के धर्मेन्द्र यादव हार गए। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने आजमगढ़ में 10 सीटों पर जीत के साथ क्लीन स्वीप किया था।

2022 के विधानसभा चुनाव में योगी लहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा ने अवध,बुंदेलखंड, पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल के 23 जिलों में क्लीन किया था, लेकिन वाराणसी से गाजीपुर की तरफ बढ़ते ही गोमती नदी पार करते ही बाजी पलट गई।सपा गठबंधन ने गाजीपुर जिले की सातों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की।सपा को पांच और सुभसपा को दो सीट मिली थी।मऊ में सपा गठबंधन ने चार में से तीन,बलिया में सात में से तीन और आजमगढ़ में दस में से दस,अंबेडकरनगर में पांच में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी।

 2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने आजमगढ़ समेत सभी पड़ोसी सीटों पर जीत दर्ज की थी।इसमें गाजीपुर,घोसी, बलिया,सलेमपुर,अयोध्या,अंबेडकर नगर,जौनपुर,सुलतानपुर है।आजमगढ़ का पड़ोसी जिला सीएम योगी गढ़ है।दूसरे छोर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है।ऐसे में अखिलेश यादव आजमगढ़ को केन्द्र बिन्दु बनाकर पूर्वांचल को साधने की कवायद में जुटे हुए हैं।

More news