नई दिल्ली।याद कीजिए आप शादीशुदा हैं और एक रोज़ अपने बच्चों की मार्कशीट लेने के लिए उनके स्कूल गए हैं। जब स्कूल में आपसे बच्चों के नाम पूछे जाते हैं, तो आप अपने बच्चों के नाम ही नहीं बता पाते हैं। दुलार से पुकारे जाने वाले नाम चिंकी,मिंकी,पिंटू,चिंटू टाइप का कुछ पुकारते हैं, लेकिन उनके ऑफिशियल नाम भूल जाते हैं। ऐसा ही एक खास किस्सा आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शेयर किया, जो उनके साथ घटा था।जानें जब संजय सिंह ने अपनी पत्नी को फोन किया तो उन्होंने क्या रिएक्शन दिया।
ये बात उस समय की है,जब संजय सिंह के बच्चे सेकेंड और थर्ड क्लास में पढ़ते थे।संजय सिंह ने भारत समाचार से बातचीत के दौरान मुस्कराते हुए इस किस्से को सुनाया।संजय सिंह बोले-ये घटना बहुत अजीब सी हुई है मेरे साथ।मैं बच्चों को घर के नाम से बोलता था,तब्बू और उत्तू,तो उस समय मुझे वही नाम याद थे।संजय सिंह ने बताया मैं स्कूल गया और प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा,क्या नाम है आपके बच्चे का।
मैंने कहा-तब्बू,उन्होंने कहा-अरे उनका वो नाम बताइए,जो यहां पर लिखवाया हो।इसके बाद मैं अचरज में पड़ गया और घर पर लैंडलाइन नंबर पर फोन किया और अपनी पत्नी से पूछा। संजय सिंह ने मुस्कराते हुए बताया,पत्नी ने बोला, तुम्हें अपने बच्चों के नाम भी याद नहीं हैं।फिर उन्होंने बताया- वर्तिका और उत्कर्ष नाम हैं।
संजय सिंह ने कहा,जब मेरे दोनों बच्चे हुए थे,तो मैं घर पर नहीं था। दूसरे-दूसरे जिलों में किसी न किसी आंदोलन में था। तो ये भी एक शिकायत रहती है। बच्चे का निक नेम तो मुझे याद था,लेकिन... आगे कहा,आज भी मुझे लगता है कि इतना लापरवाह नहीं होना चाहिए था। थोड़ा तो परिवार का ख्याल रखना चाहिए।
संजय सिंह ने बताया कि आज भी सबसे पहली प्राथमिकता पार्टी का काम, लोगों का काम और संगठन का काम रहता है। 1994 से आज तक के मेरे सार्वजनिक जीवन में कोई 10 दिन मुझे याद नहीं हैं कि मैं लगातार घर पर रहा हूं। अगर आप सामाजिक कार्यों में हैं, तो निश्चित रूप से 100 फीसदी आप परिवार के साथ नहीं रह सकते हैं।