नई दिल्ली।चीन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)की बैठक में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है।एक तरफ जहां पाकिस्तान को कड़ी शिकस्त मिली है तो वहीं भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है।बैठक खत्म होने के बाद एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों ने जो घोषणापत्र जारी किया है,उसमें भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई है।इस घटनाक्रम को पाकिस्तान के लिए फजीहत के तौर पर देखा जा रहा है।भारत के लिए यह बड़ी बात है कि जिस मंच पर रूस और चीन जैसे दिग्गज देश के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे,वहां पाकिस्तान के सामने ही पहलगाम हमले की निंदा करते हुए आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया गया।
एससीओ की बैठक के बाद आज सभी सदस्य देशों ने साझा घोषणापत्र जारी किया।घोषणापत्र में कहा गया कि एससीओ के सभी सदस्य देश पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।सभी सदस्य देशों की मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना हैं। घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि ऐसे आतंकी हमलों के दोषियों और मदद करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
एससीओ ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि सदस्य देश आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं।सबसे अहम बात यह है कि जो बात भारत लंबे समय से कहता आया है,वह भी एससीओ के घोषणापत्र में है।भारत कहता आया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड नहीं होना चाहिए।एससीओ के घोषणापत्र में भी यह लाइन दर्ज की गई है कि सभी सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों सहित आतंकवाद का मुकाबला करने का आह्वान करते हैं।
एससीओ के सदस्य देशों ने घोषणापत्र में कहा कि सदस्य देश आतंकवाद,अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।सदस्य देशों ने कहा कि वे आतंकवादी और उग्रवादी खतरों का मुकाबला करने में संप्रभु राज्यों और उनके सक्षम प्राधिकारियों की भूमिका को मान्यता देते हैं।