नई दिल्ली।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) की भर्ती प्रक्रिया में धांधली और पेपर लीक के खिलाफ हजारों अभ्यर्थी और प्रशिक्षक प्रदर्शन करने पहुंचे।प्रदर्शन के दौरान कथित लाठीचार्ज के आरोपों ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी,कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि युवाओं की आवाज को लाठी के सहारे दबाने की कोशिश हो रही है।कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार युवाओं के भविष्य की चिंता नहीं करती और चुनाव चुराकर सत्ता में आई है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि रामलीला मैदान में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे एसएससी अभ्यर्थियों और शिक्षकों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि कायर सरकार की पहचान भी है। युवाओं ने सिर्फ अपने अधिकार (रोजगार और न्याय) मांगे थे, बदले में उन्हें लाठियां मिलीं।
राहुल गांधी ने कहा कि यह सरकार युवाओं और उनके भविष्य की बिल्कुल परवाह नहीं करती।पहले वोट चोरी,फिर परीक्षा चोरी,फिर नौकरी चोरी और आखिर में हक और आवाज दोनों को कुचलना यही इनकी पहचान है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराना मोदी सरकार की आदत बन गई है।एसएससी परीक्षा में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा किया गया क्रूर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है।खड़गे ने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में बीजेपी ने भर्ती परीक्षाओं से लेकर नौकरी तक की यात्रा पेपर लीक माफिया को सौंप दी है,जिससे शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो गई है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। प्रियंका ने कहा कि रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे एसएससी छात्रों पर पुलिस बल का प्रयोग अमानवीय और शर्मनाक है। देशभर के युवा हर परीक्षा में धांधली, हर भर्ती में घोटाले और पेपर लीक से परेशान हैं। सरकार को छात्रों की आवाज सुननी चाहिए, न कि उन पर लाठियां चलानी चाहिए।
दिल्ली पुलिस ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार करीब 1,500 प्रदर्शनकारी रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए थे। अनुमति समय पूरा होने के बाद भी लगभग 100 लोग वहीं रुके रहे, जिनमें से 44 को हिरासत में लिया गया। पुलिस का कहना है कि किसी भी तरह का लाठीचार्ज नहीं हुआ।