साइबर ठगों का नया हथियार बना ट्रैफिक चालान,जानें कैसे दे रहे वारदात को अंजाम,हो जाइए सावधान
साइबर ठगों का नया हथियार बना ट्रैफिक चालान,जानें कैसे दे रहे वारदात को अंजाम,हो जाइए सावधान

26 Aug 2025 |   42



 

नई दिल्ली।किसी ट्रैफिक नियम का अगर आपने उल्लंघन किया है या फिर आप चालान के नोटिफिकेशन के रूप में आये किसी लिंक को चालान देखने के लिए डाउनलोड करने की गलती करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए,वरना आप ठगी के शिकार हो सकते हैं।दरअसल साइबर ठगों ने लोगों को डरा कर पैसे ऐंठने की नई तरकीब निकाली है,इसका शिकार बनते ही बैंक अकाउंट खाली हो जाता है। एक ऐसे ही मामले का खुलासा उत्तर-पश्चिमी जिले की साइबर पुलिस ने किया है।

पुलिस के अनुसार ठग नकली एप (APK फाइल) को ट्रैफिक चालान के नोटिफिकेशन के रूप में भेजते हैं।जैसे ही कोई शख्स इस एप को इंस्टॉल करता है,उसका मोबाइल फोन हैक हो जाता है और बैंक डिटेल्स तक ठगों की पहुंच बन जाती है और बैंक खातों के पैसों पर ठग हाथ साफ कर देते हैं।

उत्तर-पश्चिमी जिला की साइबर सेल पुलिस ने लंबित ट्रैफिक चालान के नाम पर ठगी करने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है,इसकी पहचान 24 वर्षीय अजय कुमार के रूप में हुई है।यह पंजाब के जालंधर का रहने वाला है।इसके पास से पुलिस ने ठगी में प्रयुक्त क्रेडिट कार्ड बरामद किया है।ठग अजय ने पीड़ित के मोबाइल में एक APK फाइल इंस्टॉल कराया,जो देखने में ट्रैफिक चालान नोटिफिकेशन जैसा था। इसी के जरिए मोबाइल हैक कर 1.58 लाख रुपये की रकम मल्टीपल क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर की गई।

डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक पीड़ित आयुष गोयल ने साइबर सेल पुलिस को दी गयी शिकायत में बताया कि, साइबर अपराधियों ने उसे लंबित ट्रैफिक चालान के बहाने जाल में फंसाया और 1.58 लाख हड़प लिए।

डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक पुलिस जांच में सामने आया कि ठगी की रकम क्रेडिट कार्ड से नकद निकाली गई और अलग-अलग बैंक खातों में जमा कर दी गई,ताकि पैसे के लेनदेन का सुराग न मिल सके,लेकिन पुलिस ने भी हार नहीं मानी और अमेजन प्लेटफॉर्म पर किए गए ट्रांजैक्शन्स,पेमेंट एग्रीगेटर और बैंक रिकॉर्ड्स को खंगालकर आखिरकार आरोपी का पता लगाया और तकनीकी एवं ग्राउंड इनपुट्स के बाद अजय कुमार को जालंधर,पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। अपराध में इस्तेमाल किया गया क्रेडिट कार्ड भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।

पूछताछ में पता चला कि अजय कुमार पुर्तगाल बेस्ड एक शख्स सामर के संपर्क में था।दोनों की बातचीत इंटरनेशनल व्हाट्सएप नंबर पर होती थी।सामर ठगी की रकम अजय के क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर करता और अजय उसे निकालकर अलग-अलग खातों में जमा करता था।दिलचस्प बात यह है कि दोनों की कभी आमने-सामने मुलाकात नहीं हुई थी।

बता दें कि इस मामले में पुलिस अजय कुमार को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, यह और कितने मामलों में शामिल रहा है।मामले की गंभीरता को देखते हुए सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई।इसके लिए एसीपी राजीव कुमार की देखरेख में एसएचओ दिनेश दहिया के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था,जिसमें एसआई नवीन,हेड कांस्टेबल दीपक छिल्लर,हेड कांस्टेबल गौरव, हेड कांस्टेबल अजय शामिल थे।

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